एसएचजी ग्रामीण विकास में सहकारिता का प्रवेश द्वार है: एसएस सिंह... सनातन शिक्षण संस्थान, सिंदरी का एसएचजी सम्मेलन
सिंदरी। एसएचजी के विकास ने सरकारी कार्यक्रमों व कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्यवयन को सुगम कर दिया है। एसएचजी ग्रामीण विकास के लिए सहकारिता का प्रवेश द्वार है। यह कहना है सेल चासनाला के महाप्रबंधक (सीएसआर) एसएस सिंह का। वह डा एसपीएम इंटर कालेज सिंदरी के प्रांगण में आयोजित स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम संस्थान के पैतृक संगठन सनातन शिक्षण संस्थान के तत्वावधान में आयोजित था।
मौके पर टाटा स्टील फाउंडेशन (पूर्व में टीएसआरडीएस) के सीएसआर प्रमुख राजेश कुमार ने देश के विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका से अवगत कराते हुए एसएचजी से जुड़ी महिलाओं के स्वावलंबन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान सेल के सहायक महाप्रबंधक (कार्मिक) अजय कुमार ने सम्मेलन में एसएचजी की उपस्थिति और उनकी सक्रियताओं की सराहना की और बताया कि ऐसे संगठन से जुड़ना सेल के लिए सुअवसर होगा। इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य व सनातन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष डा जेके बनर्जी ने देश में स्वयं सहायता समूह के उद्भव व विकास पर प्रकाश डालते हुए आज की परिस्थिति में एसएचजी को व्यवस्था के लिए जरूरी और बेहद प्रासंगिक बताया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के उप प्राचार्य व संस्था के सचिव प्रो वीपी सिंह ने तथा संचालन प्रो यूएल दास ने किया। कार्यक्रम के संयोजक युधिष्ठिर मुर्मू वह पारो थे।
इस दौरान आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के 40 एसएचजी की सहभागिता थी। मौके पर प्रो पिंकी सिंह, प्रो संजय कुमार, प्रो हबीब अंसारी, प्रो रमा पाठक, प्रो प्रियंका पाठक, प्रो शालिनी श्रीवास्तव, प्रो राकेश कुमार, मदन मोहन पाठक, सुकुमार चक्रवर्ती, मलय मंडल, शिवपूजन सिंह, रूपा चक्रवर्ती, गोपाल धीवर, राकेश महतो, बेबी देवी, जगदीश आदि उपस्थित थे।
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