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प्रयागराज की जनता अर्जी लगा लगा कर हो गई है बेहाल, प्रदूषण अधिकारी को नहीं है किसी के जीने मरने का ख्याल

प्रयागराज की जनता अर्जी लगा लगा कर हो गई है बेहाल, प्रदूषण अधिकारी को नहीं है किसी के जीने मरने का ख्याल



अधिकारियों की लापरवाही लोगों के जान पर पड़ रही है भारी

 वही प्रदूषण से मरने वालों की संख्या प्रति वर्ष भारत में चौबीस लाख से अधिक हो गई
 
प्रयागराज से जिला क्राइम रिपोर्टर:-नारेन्द्र यादव की रिपोर्ट

 प्रयागराज। जहां भारतवर्ष में प्रतिवर्ष सभी तरह के प्रदूषण से मरने वालों की संख्या एक आंकड़े के अनुसार चौबीस लाख से अधिक बताई जाती है। वही प्रयागराज के जमुना पार इलाके में नए यमुना ब्रिज व पुराने यमुना ब्रिज के बीच भट्ठा गांव फुल मंडी में अस्पताल से निकले मरहम पट्टी वाले गंदे कपड़े, पीला बैग, मानव अंग,व तंतु,मरहम पट्टी, प्लास्टर, कॉटन स्वाब, ब्लड से संक्रमित कपड़े, संक्रमित प्लास्टिक ट्यूब, इंट्राकेट सेट,कैथेटर,मूत्र बैग सिरिंज, दस्ताने आदि ड्रस्ट को जानकारी अनुसार शासना देश के तहत मनुष्य के संपर्क में लाए बिना मेडिकल वेस्ट करना होता है। लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त वस्तुओं को मोहल्ले के बीच लगी लेप्रोसी चौराहे के बगल भट्टी में जलाते हुए एक छोटी चिमनी के द्वारा गंदा जहरीला धुआं निकाला जाता है। जो कि उक्त मोहल्ले वासियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। फिर भी शासन-प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो रहा है और अधिकारी मस्त आम जनता पस्त की कहावत चरितार्थ होने में कोई कोर कसर नहीं रह गया है,चिमनी से गंदा जहरीला निकलने वाला धुआं कार्बन का रूप धारण कर घर में रखें खाने के लिए भोजन, पीने के लिए पानी,तथा छतों पर फैलाए हुए कपड़ों में जाकर जम जाता है जो कि खुलेआम अनेक प्रकार की बीमारियों को दावत देता रहता है। और आए दिन लोग सांस की बीमारियों से ग्रसित होते रहते हैं, यहां तक कि पिछले दिनों काजू बिंद का एक 5 वर्षीय बेटा भी सांस की बीमारी से काल के गाल समाहित हो गया था। इतना सब होने के बावजूद भी शासन-प्रशासन के प्रदूषण से संबंधित अधिकारी, राजनेता,मंत्री, किसी का भी ध्यान बेहाल हुई जनता का हाल लेने कोई नहीं पहुंच रहा है। भुक्तभोगीयों का कहना है कि उक्त लगी भट्टी द्वारा हो रहे प्रदूषण पर यदि किसी अधिकारी या राजनेता मंत्री का ध्यान नहीं गया, तो हम लोग आगे होने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

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