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राजमहल पहाड़ को लेकर एनजीटी में हुई सुनवाई  सरकार के कार्यशैली पर नाराज़गी प्रकट करते हुए आदेश सुरक्षित

राजमहल पहाड़ को लेकर एनजीटी में हुई सुनवाई सरकार के कार्यशैली पर नाराज़गी प्रकट करते हुए आदेश सुरक्षित



अब सबकी नज़रें आदेश पर टिकी 

साहिबगंज । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली प्रधान बेंच में राजमहल के ऐतिहासिक पहाड़ को बचाने व संरक्षण हेतु व अवैध खनन क्रशर पर रोक लगाने व राजमहल पहाड़ पर अवस्थित विलुप्त होती आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय व पहाड़ के तलहटी में रहने वाले आदिवासी समुदाय व पहाड़ पर अवस्थित कीमती जड़ी बूटी पेड़ पौधे जीव जंतु पहाड़ी झरने फॉसिल गंगा नदी डॉल्फिन उधवा पक्षी सेंचुरी क्षेत्र धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण व संवर्धन हेतु व आम लोगों को वायु जल ध्वनि प्रदूषण व जाम से मुक्ति दिलाने हेतु जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर द्वारा दायर याचिका संख्या ओए - 23/2017 पर सुनवाई जो लगातार चार बार से टल रही थी आखिर बुधवार को सुनवाई हुई.सुनवाई एनजीटी प्रधान बेंच के चेयर पर्सन आदर्श कुमार गोयल न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल व एक्सपर्ट मेंबर डॉक्टर ए.सेंथिल वेल ने की.सुनवाई में सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड नई दिल्ली व झारखंड राज्य पॉल्यूशन बोर्ड सहित कई बड़े अधिकारी उपस्थित थे.सुनवाई पूर्व एनजीटी द्वारा गठित झारखंड राज्य के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सदस्य सचिव सह निदेशक खान अमित कुमार ने 247 पन्ने की दो रिपोर्ट एनजीटी में समर्पित की जिसे पीठ ने संचिका में रख लिया.प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने फिलहाल अपनी प्रगति रिपोर्ट समर्पित नहीं की.सुनवाई के दौरान पीठ ने सरकार के कार्यशैली पर फटकार लगाते हुए आदेश को सुरक्षित रख लिया जिससे पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारी सहित राजनीतिज्ञ पत्थर कारोबारियों माफियाओं आम लोगों के दिल की धड़कन बढ़ गई है.इस मामले में एक याचिकाकर्ता द्वारा मामले को वापस लेने का प्रयास करने के चलते पीठ ने कड़ी फटकार लगाते हुए जुर्माना लगाने का अल्टीमेटम दिया.पीठ ने पूर्व में सरकारी पदाधिकारियों व पत्थर कारोबारियों पर लगे कम जुर्माना पर अप्रसन्नता प्रकट करते हुए समीक्षा की बात कही.एनजीटी द्वारा गठित हाई लेवल उच्च स्तरीय कमेटी ने एनजीटी को सौंपी अपनी प्रगति रिपोर्ट में दर्जनों खनन पट्टा व स्टोन क्रशर का ईसी सीटीओ परी समाप्त व रद्द करने का उल्लेख अपनी रिपोर्ट में किया है जिसमें जिले के कई नामचीन पत्थर कारोबारी शामिल हैं.सुनवाई में मामले के याचिकाकर्ता सैयद अरशद नसर भी उपस्थित थे.अब सबकी नजरें पारित होने वाले आदेश पर टिक गई है.

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