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अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर विस्थापितों ने किया पथराव, थानेदार सहित छह घायल; लाठीचार्ज

अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर विस्थापितों ने किया पथराव, थानेदार सहित छह घायल; लाठीचार्ज


*बोकारो* रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने के दौरान धनगढ़ी में बुधवार सुबह विस्थापितों और जिला प्रशासन के बीच में झड़प हो गई। इस दौरान पत्थरबाजी की गई।
जिसमें सेक्टर नाइन के थानेदार संतोष कुमार सहित छह से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार, धनगढ़ी के विस्थापित तुपकाडीह-तलगड़िया रेलवे लाइन के दोहरीकरण कार्य को रोक रहे थे। उपायुक्त कुलदीप चौधरी के नेतृत्व में प्रशासन ने बुधवार की अहले सुबह विस्थापितों से जमीन खाली करवा दिया।
इस कार्रवाई के दौरान हुई पत्थरबाजी में सेक्टर-9 थानेदार संतोष कुमार सहित छह से अधिक पुलिस वालों को गंभीर चोट लगी है। वहीं, पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रण में किया। मौके पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी और एसपी चंदन कुमार झा कैंप कर रहे हैं।
रेल मार्ग की परियोजना को पूरा करने के लिए लंबे समय से प्रशासन पर दबाव था। कई दौर की वार्ता के बाद भी विस्थापित अपनी जिद पर अडे़ हुए थे। जब बातचीत से वे वहां से नहीं हटे तो मजबूरन प्रशासन ने बुधवार सुबह यह कार्रवाई की।
बता दें कि तुपकाडीह से तालगड़िया तक के बीच के रेलवे लाइन का दोहरीकरण का काम बीते तीन साल से चल रहा है। 95 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है।
बीते साल 24 सितंबर को प्रशासन के सहयोग से रेलवे ने 16 मकानों को ध्वस्त कर रेलवे लाइन का रास्ता भी साफ कर दिया। इसके बाद से गांव के लोग लगातार धरना दे रहे थे। जब भी रेलवे के कर्मी काम करने पहुंचते, गांव वाले मारपीट पर उतारू हो जा रहे थे।
*बीते महीने भी रेलवे अधिकारियों पर किया था पथराव*
बीते महीने भी रेलवे के अधिकारियों पर ग्रामीणों ने पथराव किया था।
 इसके बाद लगभग 100 लोगाें पर मामला दर्ज हुआ था। चूंकि उच्च न्यायालय में विस्थापितों की ओर से दायर याचिका खारिज हो चुकी है।
इसके लिए, उपायुक्त ने मंगलवार को ही प्रमुख अधिकारियों के साथ प्लान तैयार किया। इसके बाद आज अहले सुबह कार्रवाई हुई। जिला प्रशासन व रेलवे अधिकारी पूरी तैयारी के साथ बुधवार की सुबह धनघरी गांव पहुंचे थे।
धनघरी गांव को लगभग पांच सौ से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों में विवेक सुमन, दिलीप कुमार, सभी डीएसएपी और शहर के थानेदार शामिल हैं।
*सेल ने दिया है रेल को जमीन*
इस जमीन को बोकारो स्टील के लिए अधिग्रहित किया गया था। रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए बोकारो स्टील ने 31 एकड़ जमीन रेलवे को हस्तांतरित कर दिया पर गांव की जमीन रेलवे खाली नहीं करा पा रहा था।
बीते 12 सितंबर को मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में बैठक भी हुई। बताया गया कि बोकारो स्टील सभी विस्थापितों को पुनर्वास के लिए 1985 में ही जमीन दे चुका है। इसके बावजूद लोगों ने इस भूखंड को खाली नहीं किया।
साल 2018 में रेलवे के दोहरीकरण की योजना का काम प्रारंभ हुआ। इसकी लागत राशि तीन सौ करोड़ रुपये है। इसे 2021 तक
पूरा करने था। अब तक 80 प्रतिशत काम हुआ है। इस अतिक्रमण के हटने से लाइन के काम को पूरा करने में मदद मिलेगी।
यही नहीं, दोहरीकरण का काम भविष्य में औद्योगिक विकास की गति भी प्रभावित कर सकता है। चूंकि, इस रेलवे लाइन से जुड़ी आधा दर्जन से अधिक परियोजनाएं हैं। इसकी स्थापना के बाद माल ढुलाई के लिए रेलवे बड़ा सहयोगी बनेगा।
यही वजह है कि रेलवे ने रेल लाइन के दोहरीकरण के साथ तालगड़िया, बांधडीह, चास, इस्पात नगर जैसे रेलवे स्टेशन को अपग्रेड कर दिया है। इन स्टेशनों से होकर पैसेंजर ट्रेन चलाने की भी योजना है। पर यह तब होगा जब रेलवे के दोहरीकरण काम पूरा होगा।
*औद्योगिक महत्व की है रेलवे लाइन*

1*बोकारो स्टील प्लांट* : इसके कच्चे माल की ढुलाई का एक प्रमुख मार्ग है। संयंत्र की क्षमता आठ साल में दोगुणी होनी है। फिलहाल, पांच मिलियन टन है। इसे बढ़ाकर दस मिलियन टन किया जाना है।

2*इलेक्ट्रोस्टील वेदांता* : इसके कच्चे माल का एक मात्र रेलवे रूट है। हालांकि, अब तक कंपनी को रेलवे की कनेक्टिविटी नहीं मिली है। बांधडीह रेलवे साइडिंग से कंपनी का काम चल रहा है। जल्द ही रेल नेटवर्क से जुड़ने वाला है और कंपनी की उत्पादन क्षमता 1.5 मिलियन टन से बढ़कर 3.5 मिलियन टन होने वाली है।

3 *पर्वतपुर कोल ब्लाक* : भविष्य में पर्वतपुर कोल ब्लाक का उत्पादन प्रारंभ होता है तो यह एक महत्वपूर्ण रेल नेटवर्क होगा, जहां से कोयला की ढुलाई हो सकेगी।

4 *सिंदरी का खाद कारखाना* : सिंदरी हर्ल खाद कारखाना अगले साल मार्च तक चालू होने वाला है। यहां से उत्पादित खाद के पूरे देश में वितरण के लिए यह रेल नेटवर्क सहायक साबित होगा।

5 *डालमिया भारत सीमेंट* प्लांट : बोकारो के डालमिया भारत सीमेंट प्लांट का उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है। भविष्य में कंपनी तैयार सीमेंट के लिए रेलवे रैक का उपयोग कर सकती है।

6 *चास स्थित लाजिस्टिक पार्क* : लाजिस्टिक पार्क से यहां के ट्रांसपोर्टिंग व्यवसाय को बढ़ाने के साथ स्थानीय उद्यमियों को सुविधा होगी। यह रेलवे लाइन अमृतसर-कोलाकाता इंडस्ट्रियल कारिडोर का हिस्सा बनने वाला है। इस कोरिडोर में पांच सौ से अधिक उद्योग स्थापित हो सकते हैं।

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