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बी.आई.टी. सिंदरी मैकेनिकल फाइनल ईयर स्टूडेंटओ ने बनाया रफ्तार 25 कि.मी. प्रति घंटा और एक चार्ज में 30 कि.मी. तक का सफर तय कर ने वाला इलेक्ट्रिक साइकिल

बी.आई.टी. सिंदरी मैकेनिकल फाइनल ईयर स्टूडेंटओ ने बनाया रफ्तार 25 कि.मी. प्रति घंटा और एक चार्ज में 30 कि.मी. तक का सफर तय कर ने वाला इलेक्ट्रिक साइकिल

रवि फिलिप्स  (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़
सिंदरी:बी.आई.टी. सिंदरी मै मैकेनिकल फाइनल ईयर के स्टूडेंट सौरभ मोदक, शुभम साव और ऋषि आनंद द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रिक साइकिल। बड़े कॉलेज कैंपस जैसे कि बीआईटी सिंदरी, जहां बच्चों को क्लास अटेंड करने के लिए या फिर कुछ सामान लाने के लिए काफी लंबी दूरी पैदल तय करना पड़ता है या स्टूडेंट्स को जिन्हें कोचिंग या ट्यूशन पढ़ने जाना होता है और वह बाइक या स्कूटी का प्रयोग नहीं कर सकते, तो उन्हीं सबके लिए फाइनल ईयर के इन छात्रों ने प्रोफेसर अमित कुमार मिश्रा एच.ओ.डी डॉक्टर मनोज कुमार और तकनीकी एवं इलेक्ट्रिकल सहायता के लिए आदित्य कुमार (पांजर रिन्यूएबल्स) के साथ मिलकर यह साइकिल बनाया जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े आराम से चला सकते हैं इसकी अधिकतम रफ्तार 25 कि.मी. प्रति घंटा और एक चार्ज में 30 कि.मी. तक का सफर तय कर सकती है। यह साइकिल अधिकतम 90 किलो तक का वजन सहने की क्षमता रखती है। पूरी तरह चार्ज होने में इसे डेढ़ घंटे का समय लग जाता है।

इस साइकिल की खासियत यह भी है कि इसे बुजुर्ग एवं महिलाएं भी चला सकती है, चोरी से बचने के लिए सायरन और जीपीएस ट्रैकिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध है।

इसे बनाने के लिए पुराने साइकिल का ही उपयोग किया गया जिसमें बैटरी, मोटर और कंट्रोलर लगाकर इसे इलेक्ट्रिक साइकिल बनाया गया और इसकी लागत करीब ₹14000 आती है।

आगे भविष्य में इस साइकल में कई सारे मॉडिफिकेशन भी किए जा सकते हैं जैसे की सीट और हैंडल की ऊंचाई को अपने अनुसार एडजस्ट किया जा सकता है, बैटरी को सौर ऊर्जा से भी चार्ज किया जा सकता है एवं इसमें इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले भी लगाया जा सकता है।

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