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किसानों का आत्महत्या तुरंत रोकने के लिए गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का पहल

किसानों का आत्महत्या तुरंत रोकने के लिए गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का पहल


रवि फिलिप्स  (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
धनबाद:आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित एक ऐतिहासिक सभा में 10,000 किसान नैसर्गिक खेती की सफलता का उत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए और सभी ने आर्ट ऑफ लिविंग के सकारात्मक प्रभाव के लिए गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर के प्रति अपना आभार व्यक्त किया । यह कार्यक्रम पुणे में हुआ।
एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संस्था के झारखंड मीडिया प्रभारी अजय मुखर्जी ने यह जानकारी दी।कार्यक्रम में 10,000 किसानों के साथ 500 सरपंचों और गांवों के अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने जमकर भाग लिया।इन सभी किसानों,सरपंचों तथा गाँव के अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने संस्था की सेवा परियोजनाओं के माध्यम से उनके जीवन में आए परिवर्तन और प्रचुरता के लिए संस्था का आभार व्यक्त किया। आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था द्वारा महाराष्ट्र के संभाजी नगर जिले के आसपास 10,000 से अधिक आदिवासी किसानों को नैसर्गिक खेती और टिकाऊ कृषि में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे अब वे आत्मनिर्भर हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में भी इस परियोजना का उल्लेख किया गया था।इस विशाल सभा को संबोधित करते हुए, आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने राज्य में किसानों की आत्महत्या की समस्या को हल करने पर बल दिया।हमें किसानों की आत्महत्या को रोकना है।यहां 500 सरपंच हैं। मैं आप सब से विनती करता हूँ कि आपके गांव में एक भी किसान डिप्रेशन में न रहे, आप यह ज़िम्मेदारी उठाइये। हमारे स्वयंसेवक और युवाचार्य आपका साथ देंगे । मैं महाराष्ट्र सरकार से भी विनती करता हूं कि वे इसे आगे बढ़ाएं- ताकि किसान आत्महत्या न करें।गुरुदेव ने आगे कहा,यदि आप देखें कि एक भी किसान दुखी या तनावग्रस्त है, तो रुकें और उनसे बात करें। उनसे पूछें कि उन्हें क्या परेशानी है? हमें किसानों से कहना चाहिए कि यदि किसी को अपना जीवन न्यौछावर करना हो तो देश की सेवा में न्यौछावर करें,आर्ट ऑफ लिविंग यही करता है-मन से नकारात्मकता के विष को दूर करने में सहायता करता है और जीवन को नया लक्ष्य देता है।  गुरुदेव ने बताया कि यदि किसान दुखी है, उसके द्वारा उत्पादित अन्न का उपभोक्ता भी स्वस्थ नहीं होगा। गुरुदेव ने ग्राम प्रधानों और अभिभावकों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि युवा और बच्चे व्यसनों और शराब से दूर रहें।हमें भक्ति और खुशी की लहर की आवश्यकता है जैसे संत तुकाराम और नामदेव के समय में थी।हाल ही में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने महाराष्ट्र में समग्र ग्रामीण विकास के अपने प्रयासों के अंतर्गत राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था समझौते के अंतर्गत महाराष्ट्र में 1.3 मिलियन हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में नैसर्गिक खेती को लागू कर रही है और हजारों किसानों को इसका प्रशिक्षण दे रही है। यहीं नहीं संस्था, किसानों को अपनी उपज की बिक्री के लिए सीधे बाजार की सुविधा भी प्रदान कर रही है। सीधे बाज़ार की सुविधा न केवल बिचौलियों को समाप्त कर रही है बल्कि किसानों के मुनाफे में भी वृद्धि हो रहा हैं।

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