सिंदरी में खुला था जो भारत का पहला उर्वरक कारखाना जो देश में हरित क्रांति की ओर पहला कदम था. वही सिंदरी मैं आज 75 घंटों के बाद शहर में घर के बल्ब जले
मंगलवार, 28 मई 2024
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रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
सिंदरी। घंटों हर्ल गेट जाम के बाद स्थायी बिजली की समस्या से निजात होने के आश्वासन पर सिंदरीवासी पुनः अपने घर को लौटे।पिछले लगभग 75 घंटों से भयंकर बिज़ली - पानी की समस्या से जुझ रही सिंदरी की जनता का सब्र का बाँध मंगलवार को टूट गया और सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हर्ल के मेन गेट को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी एफसीआईएल, हर्ल और जेबीवीएनएल के अधिकारियों को बिज़ली और पानी की समस्या पर संयुक्त रूप से गेट पर आ कर वार्ता करने की मांग कर रहे थे। सबसे पहले एफसीआईएल के सलाहकार देवदास अधिकारी और हर्ल के सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट सुरेश प्रामाणिक गेट पर आए और प्रदर्शनकारियों से गेट जाम हटाने का आग्रह किया, लेकिन प्रदर्शनकारी किसी भी शर्त पर हटने को तैयार नहीं थे और अपनी मांग रखी की कोई भी बातचीत सिर्फ और सिर्फ एफसीआईएल, हर्ल और जेबीवीएनएल तीनों के अधिकारियो की संयुक्त उपस्थीती में ही होगी।
मौके से जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक अशोक सिन्हा से वार्ता में शामिल होने का आग्रह किया जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए बताया की मुख्यालय रांची से विशेष रूप से सिंदरी के बिज़ली की समस्या के स्थायी समाधान के लिए टीम आयी हुई है जिसको लेकर वो 2 बजे तक वार्ता स्थल पर आयेंगे। इस बीच टेक्निकल टीम सर्वे भी कर चुकी थी। दोपहर 2 बजे हर्ल, एफसीआईएल और जेबीवीएनएल के अधिकारियों के साथ प्रदर्शनकारियों की वार्ता हर्ल गेट पर हुई, जिसमें यह बताया गया की आज शाम तक बिज़ली और कल सुबह तक पानी की सप्लाई शहर में हो जाएगी।
इस पर प्रदर्शनकारियों ने कहा की वो इस अस्थायी समाधान के लिए नहीं आए हैं बल्कि वो बार - बार हो रहे इस तरह की समस्या के स्थायी समाधान के लिए आए हैं। इस पर जेबीवीएनएल के अधिकारियों ने बताया की स्थायी समाधान के रूप में सबसे पहले क्षतिग्रस्त हुए बुश को सम्बंधित कंपनी से बात कर रिपेयर करने की कोशिश की जा रही है अगर रिपेयर नहीं हो पाता है तो उसी स्थान पर 133/33 का नया ट्रांसफॉर्मर भी लगाने का प्रयास होगा। इसके अलावा जेबीवीएनएल के सिस्टम के अनुरूप एसएमपी सब स्टेशन में 33/11 का सिस्टम लगाया जाएगा फिर वहाँ से एफडी कॉलोनी स्थित नवनिर्मित स्टेशन को जोड़ा जाएगा, जिससे शहर की बिज़ली समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। उन्होंने बताया की फिलहाल आज शाम या देर रात से एक - एक एरिया में बारी - बारी से बिज़ली दी जायेगी। लगभग एक सप्ताह में क्षतिग्रस्त हुए बुश को रिपेयर कर लिया जाएगा, फिर पूर्व की ही भांति स्थिति समान्य हो जाएगी। स्थायी समाधान के लिए लगभग अगस्त महिने के अंत तक का समय लग सकता है। वार्ता के मुख्य निष्कर्ष इस प्रकार रहे :
*1. बिज़ली ठीक होने के बाद पानी और किसी एक एरिया को बिज़ली दी जाएगी यदि होल्ड किया तो ठीक नहीं तो पहले सभी वॉटर टावर को भरा जाएगा, उसके बाद देर रात तक शहर को बिज़ली दी जाएगी।*
*2. लगभग एक सप्ताह तक यही प्रक्रिया चलेगा, इसी बीच पुराने ट्रांसफार्मर 132/11 के बुश को ठीक कर, शहर की बिजली पूर्व की भांति ही कर दी जाएगी।*
*3. हर्ल बिजली विभाग के साथ समन्वय कर के पानी सप्लाई करेगा और जिस एरिया में बिज़ली रहेगी, उसी एरिया में पानी सप्लाई की जाएगी।*
*4. भविष्य में शहर एवं हर्ल फैक्ट्री को निर्वाध बिजली आपूर्ति करने के लिए पाथरडीह सब - स्टेशन से हर्ल के सब - स्टेशन तक एक लाइन खींची जाएगी, जिससे भविष्य में बिजली की समस्या से शहर को नहीं जूझना होगा। इसके लिए लगभग 75 करोड़ की लागत आएगी, इससे सम्बंधित कागजात तैयार कर भेज दिया गया है, जो फिलहाल प्रगति में है।*
आज की वार्ता में हर्ल के सीनियर वॉइस प्रेसिडेंट फैक्ट्री सुरेश प्रामाणिक, वरिष्ठ मानव संसाधन अधिकारी संत सिंह, एफसीआईएल के कंसलटेंट देवदास अधिकारी, रांची से आए जेबीवीएनएल के एमआरटी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रवि प्रकाश, टेक्निकल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सत्येंद्र सिंह, डीजीएम ट्रांसमिशन आर. एल. पासवान,
एरिया जीएम ए. के. सिन्हा धनबाद के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर ए. के. कश्यप, बिजली एसी धनबाद आशुतोष कुमार सहित सभी अधिकारी आये हुए थे। सिंदरी विधायक पत्नी तारा देवी ने राँची विधानसभा में सिंदरी के बिजली - पानी की समस्या को रखवाया एवं राँची बिजली जीएम से सिंदरीवासियों की समस्या से अवगत करा कर, निजात दिलाने का अनुरोध किया। शहर के सैकड़ों लोगों ने अपनी ब्यथा लेकर हर्ल गेट को जाम कर रखा एवं सकारात्मक वार्ता के बाद ही गेट से अपने घर को लौटे।
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