आदिवासी छात्रों कोसूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर प्रशिक्षण के महत्व से कराया अवगत
शनिवार, 20 जुलाई 2024
Comment
रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
धनबाद:आईआईटी (आईएसएम) के प्रबंधन अध्ययन विभाग के संकाय सदस्यों की एक टीम ने शनिवार को गुमला के सुदूर बसिया गांव में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) का दौरा किया और लगभग 200 आदिवासी छात्रों को नौकरी पाने एवं कैरियर उत्कृष्टता में सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर प्रशिक्षण के महत्व से अवगत कराया। टीम का नेतृत्व कर रहे प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. रश्मि सिंह ने जो आईआईटी आईएसएम में जनजातीय विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की समन्वयक भी हैं,ने कक्षा 9 से १२ तक के लाभार्थी छात्रों के साथ बातचीत के दौरान बुनियादी स्तर की सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर प्रशिक्षण पर चल रहे क्षमता निर्माण कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा प्राप्त ज्ञान का भी आकलन किया गया है, जिसे 1 जुलाई 2024 को ही लॉन्च किया गया है।प्रबंधन अध्ययन और औद्योगिक इंजीनियरिंग विभाग (डीएमएस एंड आईई) के एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर नीलाद्रि दास सहित अन्य लोगों की टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल संजय कुमार सिंह के साथ बातचीत के दौरान हिंदी एवं संथाली में अध्ययन सामग्री की उपलब्धता और उपयोग की स्थिति की भी जांच किया जिसे संस्थान के पुस्तकालय में जनजातीय विकास के लिए सीओई द्वारा प्रदान किया गया है।यात्रा के दौरान आईआईटी (आईएसएम) टीम ने बसिया के ग्रामीणों द्वारा बनाई गई आदिवासी मिट्टी के बर्तनों और बर्तनों की विस्तृत श्रृंखला को भी देखा, जिसमें लाभार्थी छात्रों के माता-पिता और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल थे। इस वर्ष 1 जुलाई को आईआईटी (आईएसएम) में जनजातीय विकास उत्कृष्टता केंद्र द्वारा राज्य भर के सात ईएमआरएस स्कूलों में बुनियादी स्तर की सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर प्रशिक्षण पर क्षमता निर्माण शुरू किया गया है और एक साल के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को दो सेमेस्टर में विभाजित किया गया है।और प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में प्रदान किया जा रहा है और ऑफ़लाइन प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में आईआईटी (आईएसएम) संकाय सदस्यों ने गुमला में ईएमआरएस बसिया का दौरा किया।भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय (एमओटीए) द्वारा प्रदान किए गए 1.92 करोड़ रुपये के फंड अनुदान के अनुसार आईआईटी (आईएसएम) में जनजातीय विकास उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की गई है और सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर प्रशिक्षण पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम है। सीओई द्वारा शुरू की गई पहली परियोजना जिसे सात ईएमआरएस स्कूलों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
0 Response to "आदिवासी छात्रों कोसूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर प्रशिक्षण के महत्व से कराया अवगत "
एक टिप्पणी भेजें