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बिसरा कृषि सिंचाई कूप में चिमनी ईट की जगह इस्तेमाल किया गया बांग्ला ईट

बिसरा कृषि सिंचाई कूप में चिमनी ईट की जगह इस्तेमाल किया गया बांग्ला ईट

दुमका: दुमका जिलान्तर्गत रामगढ़ प्रखंड के सिलठा बी पंचायत में मनरेगा के तहत निर्माणाधीन बिरसा कृषि सिंचाई कूप संवर्धन योजना में बिचौलिये  पूरी तरह से हावी हैंlसिलठा बी पंचायत में मनरेगा के तहत 92 सिंचाई कूपों का निर्माण विभिन्न गांवों में कराया जा रहा हैlप्रत्येक सिंचाई कूप की लागत लगभग चार लाख रुपए हैlविभाग द्वारा बनाए गए मॉडल एस्टीमेट के अनुसार इन सिंचाई कूपों का व्यास 12 फीट तथा गहराई 35 फीट रखी जानी चाहिएlसिंचाई कूपों के निर्माण में 75 बी चिमनी ईटों का प्रयोग होना चाहिएlलेकिन सिलठा बी पंचायत में सारे नियमों को ताक पर रखकर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जा रहा हैl चिमनी ईंट की बजाय घटिया क्वालिटी के स्थानीय बांग्ला भट्ठा वाले ईंट लगाए जा रहे हैंlसाथ ही प्राक्कलन के अनुरूप 35 फीट की गहराई तक की खुदाई भी नहीं की जा रही हैlविभागीय कर्मियों एवं अधिकारियों द्वारा बिरसा सिंचाई कूपों के निर्माण का अनुश्रवण नियमानुसार नहीं किया जा रहा हैlजिसके कारण बिचौलियों के हौसले बुलंद हैं और वे प्राक्कलन की बजाय अपनी मनमर्जी से कूपों का निर्माण कर रहे हैंl सिलठा बी पंचायत के सिलठा गांव एवं छोटा सिमल पहाड़ी, कुंडा, पोडैपानी, ऊपर ग्रहण, हेठ ग्रहण, कुलापाथर जैसे लगभग सभी गांवों में कूप निर्माण में ऐसी ही अनियमितता बरती जा रही हैl जिससे बिचौलिए मालामाल हो रहे हैंl वहीं प्राक्कलन के अनुरूप काम नहीं होने तथा घटिया क्वालिटी के ईटों का प्रयोग होने के कारण कूपों के धंसने का खतरा उत्पन्न हो गया हैl

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