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बदलते कई सरकारों में काम आई एक वोट मेरी , ढलते उम्र में किसी ने ना पूछा हाल मेरा :वृद्ध महिला

बदलते कई सरकारों में काम आई एक वोट मेरी , ढलते उम्र में किसी ने ना पूछा हाल मेरा :वृद्ध महिला

*बदलते कई सरकारों में काम आई एक वोट मेरी , ढलते उम्र में किसी ने ना पूछा हाल मेरा :वृद्ध महिला* 
महेशपुर/पाकुड़ :- झारखंड राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ते ही नेता और प्रतिनिधि अगर किसी मुद्दे को सबसे ऊपर रखते हैं तो वह मुद्दा गरीबी  होता है । साथ ही पक्ष या विपक्ष के नेता इन्हीं मुद्दों पर लगातार बहस करते भी नजर आते हैं । परंतु चुनावी माहौल जैसे-जैसे ठंड होती जाती है, वैसे ही उनके वादे भी शिथिल हो जाती है । चुनावी माहौल में पक्ष - विपक्ष के नेता गरीब तपके के लोगों से कई वादे तो कर देते हैं । परंतु इनमें से कितने वादे पुरे कर पाते हैं, इसका एक झलक पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड अंतर्गत मुर्गाडंगा गांव में देखने को मिल रहा है । महेशपुर प्रखंड के मुर्गाडंगा गांव की एक वृद्ध महिला लोको सोरेन ने अपने कष्ट भरे जीवन की कहानी को व्यक्त करते हुए रो पड़ी । वृद्ध महिला का आयु 61 वर्ष है । वृद्ध महिला ने बताया कि उन्हें आज भी वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिलता है। महिला ने कहा कि उनके घर में वे तथा उनके पति भोला हांसदा रहते थे और मजदूरी कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे । परंतु विगत कुछ वर्ष पूर्व उनके पति भोला हांसदा का निधन हो गया । इसके बाद से महिला का एक वक्त का रोटी भी बड़ी मुश्किल से नसीब होता है । वृद्ध महिला आज भी मिट्टी से बने जर्जर मकान में निवास करती है। जानकारी लेने पर महिला ने बताया कि उन्हें सरकार की ओर से पीला राशन कार्ड मिला था। परंतु इस राशन कार्ड में राशन नहीं मिल रहा है । कहां की पूर्व में सरकारी राशन से ही गुजारा हो रहा था परंतु विगत कुछ महीनों से राशन भी नहीं मिल रहा है । 
*सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भी दे चुके हैं आवेदन*
ज्ञात हो कि पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड सहित पूरे राज्य में वर्तमान सरकार की ओर से आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत प्रखंड के सभी पंचायतों में कैंप लगाकर योग्य लाभुको को विभिन्न तरह की योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया गया था। साथ ही जरूरतमंद लाभुको के कार्य को ऑन द स्पॉट समाधान करने का भी दावा किया गया था । ज्ञात हो कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का कैंप महेशपुर प्रखंड में दो चरण लगाई गई थी । ताकि पहले चरण में जिन लाभुको को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है उन्हें दूसरे चरण के कैंप में मिल जाए ‌। महिला ने बताया कि ये दोनों बार ही अपने नजदीकी लगे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के कैंप में वृद्धा पेंशन के लाभ के लिए आवेदन डाल चुकी है। साथ ही संबंधित पदाधिकारी से भी गुहार लगा चुकी है। बावजूद इस वृद्ध महिला का आवाज गहरी नींद में सोए अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाई। इससे आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं की सरकार द्वारा लगाई गई कैंप से आमजनों को कितनी लाभ मिली है ‌। 
             *बिचौलियों की पेट भरते तो मिल जाता आवास : महिला*
ऐसा कहना गलत नहीं होगा की वर्तमान समय में किसी भी सरकारी कार्य में बिचौलिया हावी है । इन बिचौलियों के वजह से शायद बड़े साहब भी क्षेत्र की चिंता से मुक्त होकर कार्यालय तक ही सीमित रह जाते हैं । महिला ने अधिकारियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक वर्ष पूर्व ही उन्हें पीएम आवास का लाभ मिल जाता अगर उनके पास बिचौलियों का पेट भरने के लिए 20 हजार रुपए होता तो ‌। महिला ने कहा कि जब ये बिचौलियों का पेट नहीं भर सकी तो मन में एक आश लिए कि शायद बड़े साहब उनकी मजबूरी को समझ कर शायद उन्हें पीएम आवास का लाभ दे दे । मन में आश लिए महेशपुर प्रखंड कार्यालय भी पहुंची थी। परंतु बिना चप्पल नंगे पांव ने महिला को साहब के कार्यालय के अंदर प्रवेश ही नहीं करने दिया । आखिरकार महिला निराश होकर घर लौट आई और अपने किस्मत को कोस्ती हुई किसी तरह अपना जीवन व्यतीत करने लगी । 
*एक वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर*
महिला ने बताया कि ये सुबह गांव में निकलती है और जो भी काम मिल जाए वह कर लेती है।  ताकि उसे दो वक्त का रोटी नसीब हो सके । कहा की इस उम्र में लगातार स्वास्थ्य भी खराब रहती है । जिसके कारण फिलहाल गांव के लोग थोड़ा मदद कर देते हैं । जिससे उनका जीवन कट रहा है । 
फिलहाल वृद्ध महिला किसी भी सरकारी योजना से वंचित है तथा अपने जीवन- यापन करने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है । सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार अपनी योजनाओं को ऐसे योग्य लाभुको को ना देकर अपनी योजनाओं का लाभ किन लोगों को देने का कार्य कर रही है ? सवाल यह भी उठना है कि आखिर प्रखंड कार्यालय एवं सरकार आपके द्वारा कैंप में आवेदन देने के बावजूद अब तक पदाधिकारी ऐसे वृद्ध महिला को सरकारी लाभ देने में पीछे क्यों रह गई है ? फिलहाल महिला बड़े साहब के आस लगाए बैठी है कि शायद कभी बड़े साहब का मिजाज बदले और वह इनके कुटिया में आकर उनका उद्धार करेंगे ।  
           *बोले पदाधिकारी*
इस संदर्भ में पूछे जाने पर महेशपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ सिद्धार्थ शंकर यादव ने पत्रकार को ही उन्हें महिला का आधार कार्ड भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक को भेज कर जांच कर समस्या का समाधान किया जाएगा ।


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