कथावाचक व्यास गौतम जी महराज ने शिवरात्रि और शिवलिंग पर किया व्याख्यान
रविवार, 2 मार्च 2025
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पाकुड़िया : शिवरात्रि महोत्सव के पावन अवसर पर प्रखंड के मोंगलाबांध ग्राम स्थित शिव मंदिर प्रांगण में रोजाना धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है जहां श्रोताओं की अच्छी उपस्थिति देखी जा रही है। अनुष्ठान के तीसरे रोज रात्रि को शिव महापुराण पर व्यापक चर्चा करते हुए प्रकांड विद्वान व कथावाचक व्यास जी गौतम जी महराज ने शिवरात्रि और शिवलिंग पर व्याख्यान किया। कथा में उन्होंने शिवलिंग की उत्पत्ति एवं पूजा विधि के विषय में श्रद्धालुओं को सुनाया। शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम या शिवा लिंगम भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिन्ह है। यह प्राकृतिक रूप से स्वयंशंभू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है, जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं। कथा में उन्होंने विस्तार से लोगों को प्रकाश डाला। इसी में कथा के बीच-बीच में कथासार के गानों पर वृंदावन से पहुंची तीन मनमोहन नृत्यांगना द्वारा सभी श्रद्धालुओं को कृष्ण, राधा एवं गोपी के रूप में श्रद्धालुओं के बीच नृत्य संगीत कर मन मोह लिया। शिव महापुराण कथा सुनने में इलाके के सभी महिला, पुरुष पूर्णतः लीन दिखे।
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