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खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घर घर शौचालय बनाया गया।  किंतु नगर निगम धनबाद के वार्ड संख्या 53 अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनोहरटांड़ के छात्र छात्राएं एवं शिक्षक शिक्षिकाएं शौचालय के अभाव में तिरपाल से घिरा हुआ अस्थाई शौचालय में शौच करने को विवश हैं।

खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घर घर शौचालय बनाया गया। किंतु नगर निगम धनबाद के वार्ड संख्या 53 अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनोहरटांड़ के छात्र छात्राएं एवं शिक्षक शिक्षिकाएं शौचालय के अभाव में तिरपाल से घिरा हुआ अस्थाई शौचालय में शौच करने को विवश हैं।

रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
सिंदरी:खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घर घर शौचालय बनाया गया। किंतु नगर निगम धनबाद के वार्ड संख्या 53 अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मनोहरटांड़ के छात्र छात्राएं एवं शिक्षक शिक्षिकाएं शौचालय के अभाव में तिरपाल से घिरा हुआ अस्थाई शौचालय में शौच करने को विवश हैं। क्योंकि विद्यालय का शौचालय पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। पिछले पांच माह से उस विद्यालय के छात्र छात्राएं ओर शिक्षक शिक्षिकाएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं। विद्यालय के पुराने भवन को तोड़कर उसके जगह 6 कमरों का नया भवन का निर्माण हो रहा है। नया भवन निर्माण के लिए संवेदक द्वारा पुराने भवन को ढ़ाहने के क्रम में शौचालय को भी तोड़ दिया। शौचालय पूरी तरह ढ़ह जाने से छात्र छात्राएं ओर शिक्षक शिक्षिकाओं को शौच करने में परेशानी होने लगी है।विद्यार्थियों ओर शिक्षकों की परेशानी को देखते हुए विद्यालय परिसर में ही तिरपाल से घेर कर शौचालय की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। किंतु उसमें छात्र छात्राएं ओर शिक्षकें शौच करने में संकोच महसूस करते हैं। क्योंकि तीन तरफ तिरपाल घिरा हुआ है। एक तरफ खुला है। ऐसे में छात्राएं विद्यालय के बाहर ईद गिर्द झाड़ियों में छिपकर शौच करने को विवश होते हैं। विद्यालय के बगल में बड़ा तालाब है। उधर भी जाकर छात्र छात्राएं शौच करने चले जाते हैं। यदि इस दौरान छात्राओं के साथ कुछ अनहोनी हो जाय तो आखिर जबाब देही किसकी होगी। विद्यालय में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक में लगभग 190 बच्चे अध्ययनरत हैं। विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के अभिभावक भी चिंतित है कि शौचालय के अभाव में उनके बच्चे बाहर शौच करने जाते हैं। 
भवन निर्माण कर रहे संवेदक का स्पष्ट कहना है कि विभाग के आदेश पर शौचालय तोड़ा गया है। शौचालय बनाने का हमें आदेश नही दिया गया है। सिर्फ भवन निर्माण करना है। वही विद्यालय के प्राचार्य श्रीमती रेखा कुमारी सिंहा ने कहा कि पुराना भवन तोड़ने के दौरान संवेदक द्वारा विद्यालय का शौचालय को ढ़ाह दिया। जिससे विद्यार्थियों ओर शिक्षकों को शौच करने में काफी परेशानी होता है। शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है कि जल्द से जल्द शौचालय का निर्माण करवाया जाय।

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