देशव्यापी हड़ताल। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनो व स्वतंत्र अखिल भारतीय संघो के हड़ताल का धनबाद में भी असर। धनबाद के समस्त एलआईसी शाखाओं में संपूर्ण हड़ताल रही, रणधीर वर्मा चौक पर किया प्रदर्शन
बुधवार, 9 जुलाई 2025
Comment
रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
धनबाद:भारत का मजदूर वर्ग 9 जुलाई को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में है। इस हड़ताल का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतंत्र अखिल भारतीय संघों द्वारा किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इस औद्योगिक कार्रवाई को समर्थन का फैसला कर मजदूर आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाई है।आज की एकदिवसीय हड़ताल में धनबाद जिले में एलआईसी की सभी शाखाओं में सम्पूर्ण हड़ताल रही। रणधीर वर्मा चौक पर हेमंत मिश्रा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया एवं उपस्थित वक्ताओं ने इस संदर्भ में अपने संबोधन दिए। सरकार की जनविरोधी नीतियां, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण का आक्रमण और मेहनतकश लोगों के कड़ी मेहनत से अर्जित अधिकारों पर हमलों के जरिये श्रमिक कानूनों को नियोक्तापरक बनाने और सार्वजनिक सम्पदाओं को चहेते पूंजीसखाओं के हाथ में लूटने की बनाई विनाशकारी अर्थव्यवस्था के विरोध में यह हड़ताल है। एलआईसी के परिप्रेक्ष्य में यदि हम देखें तो एलआईसी में 6.5% सरकार की हिस्सेदारी बेचने के विरोध में ,बैंक, साधारण बीमा व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की योजना वापस लेने, श्रमिक विरोधी श्रम संहिताओं को रद्द करने, नई पेंशन प्रणाली को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, अनुबंध व ठेका प्रथा बंद कर नई तृतीय - चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्तियां करने, समान काम के लिए समान वेतन देने, न्यूनतम मजदूरी 26000 रु.मासिक करने जैसे मुद्दों पर देश के करोड़ों कामगारों के साथ देशभर के बीमा कर्मचारियों द्वारा अपने अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आह्वान पर पूर्ण सहभागिता के साथ इस हड़ताल में भागीदारी निभाई जा रही है।हजारीबाग मंडल के स्तर पर तमाम एल आई सी कर्मियों ने अपने संगठन बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के बैनर तले अपने मंडल कार्यालय के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले सभी 37 कार्यालयों में सम्पूर्ण तालाबंदी कर पूरी तरह से काम रोक कर इस हड़ताल को अपने स्तर से शत प्रतिशत अमली जामा पहनाया।
इस अवसर पर मंडल कार्यालय परिसर में प्रात: सभी कर्मी एकत्रित हुए।इस अवसर पर अपना सन्देश देते हुए आई ईएएचडी के मंडलीय सांगठनिक सचिव अमित कुमार ने कहा कि आप अवगत हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा उद्योग पर हमले में कोई कमी नहीं आई है ,सरकार संसद के आप आगामी मानसून सत्र में बीमा कानून संशोधन विधेयक पेश करने पर आमदा है। विधायक का ढांचा वित्तीय सेवा विभाग के नवंबर 2024 के प्रस्ताव पर आधारित है ।इसमें तीन कानून बीमा अधिनियम 1938 ,जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियम विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में संशोधन लाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्ताव में सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा उद्योग को राष्ट्रीयकरण से पहले के दिनों में वापस ले जाने की क्षमता है । संघ के सचिव सुबीर कुमार राम ने कहा कि दीपम के सचिव अरुनिश चावला ने हाल ही में कहा है कि सरकार आने वाले महीना में ऑफर फॉर सेल के जरिए एलआईसी में 6.5% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है ।इसी तरह से सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों का निजीकरण भी सरकार की मेज पर है ।बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 74% से बढ़कर 100% करने की सरकार की जिद समझ से परे है।क्योंकि विदेशी बीमा कंपनियां भारत की बीमा क्षेत्र में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिख रही हैं। नतीजन बीमा उद्योग में वास्तविक एफडीआई अनिवार्य 74% के मुकाबले केवल 32% के आसपास है।इसी तरह एलआईसी में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती एक ऐसा मुद्दा है जिसका समाधान लंबे समय से मांगा जा रहा है एलआईसी के कुल कर्मचारियों की संख्या में चिंताजनक गिरावट आई है लेकिन तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में यह गिरावट और भी अधिक है। 31मार्च 1995 से 31 मार्च 2024 के बीच एलआईसी में पॉलिसीयों की संख्या में 410% की वृद्धि हुई है जबकि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में 49% की गिरावट आई है । इसलिए एलआईसी में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती की मांग पर अपना अपना अभियान और संघर्ष तेज करना होगा। देश के सभी सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र में खाली पड़े लाखों पदों पर भरती की एक साथ उठने वाली मांग एलआईसी में हमारी नयी भारती की मांग को ताकत देगी।भारत सरकार 29 मौजूद श्रम कानून को मिलाकर नए चार श्रम संहिता लाई है इसका मुख्य उद्देश्य संसाधनों को आम लोगों से अमीरों तक स्थानांतरित करना है। श्रम संहिताओं का उद्देश्य संघर्ष के माध्यम से श्रमिकों द्वारा हासिल किए गए सीमित अधिकारों को छीनकर अमीरों के लिए अधिक से अधिक मुनाफा सुनिश्चित करना है ।यह कानून वास्तव में अमीरों के लिए अधिक से अधिक मुनाफा सुनिश्चित करने के लिए गरीब मेहनतकश लोगों के विशाल बहुमत पर हमला करता है ।यह वर्ग षड्यंत्र है जिसे समझना होगा। अतः 9 जुलाई 2025 की हड़ताल एक ऐतिहासिक संघर्ष की कार्यवाही है।करोड़ श्रमिकों द्वारा किए जाने वाला यह प्रतिरोध निश्चित ही हमारी संस्था का रक्षा कवच बन सकता है। पुरानी पेंशन बहाली का आंदोलन इस हड़ताल से और पुख्ता होगा ।देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई व कम होती मजदूरी के कारण लोगों की बीमा खरीदने की क्षमता में होती गिरावट हमारे उद्योग को गंभीरता से प्रभावित कर रही है इसलिए यह हड़ताल हमारे लिए बेहद जरूरी है। एलआईसी के आईपीओ और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इसके शेयरों को बेचने के बीमाधारक विरोधी निर्णय का परित्याग नहीं कर देती। इस अवसर पर संघ के साथी राकेश कुमार ने कहा कि आज हमारी मुख्य समस्या बेतहाशा महंगाई , प्रचंड बेरोजगारी , गरीबी –भूखमरी , शिक्षा और स्वास्थ्य की गंभीर समस्या को और विकराल करता सरकार की इन क्षेत्रों में निजीकरण की नीतियों को लागू करना , किसानों की बदहाली और देश की परिसंपत्तियों का अत्यधिक केन्द्रीयकरण किया जाना है। पर यह सरकार सांप्रदायिक उन्माद और नफरत फैला कर इन मूल मुद्दों से देश के आम लोगों का ध्यान भटका कर अपनी तमाम जन विरोधी नीतियों को लागू करने के अभियान पर अग्रसर है. सरकार की ये तमाम नीतियाँ संविधान की मूल प्रस्तावना के विपरीत हैं क्योंकि ये लोक कल्याणकारी की चरित्र से हट कर अपने कुछ प्रिय चंद कोर्पोरेट घरानों के मुनाफाखोरी के हित साधन हेतु लाये जा रहे हैं।इसी कड़ी का एक कदम है एलआईसी का विनेविशीकरण एवं बीमा उद्योग में 100% एफडीआई की नीति ।हम इसके विरोध में देश के तमाम ट्रेड के कर्मियों के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए इस हड़ताल में शामिल हैं। आज की सभा को बासु बहादुर, शुभम राज, नीशेष सिन्हा, प्रशांत सिन्हा,एवं पंकज कुमार ने भी संबोधित किया।
0 Response to "देशव्यापी हड़ताल। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनो व स्वतंत्र अखिल भारतीय संघो के हड़ताल का धनबाद में भी असर। धनबाद के समस्त एलआईसी शाखाओं में संपूर्ण हड़ताल रही, रणधीर वर्मा चौक पर किया प्रदर्शन "
एक टिप्पणी भेजें