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बाल श्रम के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाने एवं रोकथाम को लेकर उपायुक्त व उप विकास आयुक्त ने जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

बाल श्रम के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाने एवं रोकथाम को लेकर उपायुक्त व उप विकास आयुक्त ने जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

पाकुड़ : समाहरणालय परिसर से बाल श्रम के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाने एवं रोकथाम को लेकर उपायुक्त, उप विकास आयुक्त,अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, विशेष कार्य पदाधिकारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

उपायुक्त मनीष कुमार ने बताया कि किसी भी प्रतिष्ठान में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों एवं खतरनाक नियोजन में 14-18 वर्ष तक के बच्चों का नियोजन प्रतिषेध है। उल्लंघन की स्थिति में नियोजक पर बीस हजार रुपये से पचास हजार रुपये तक का जुर्मना अथवा 06 माह से 02 वर्ष तक का कारावास या दोनो हो सकता है। उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम एक अभिशाप है और यह राष्ट्र की प्रगति में बाधक है क्योंकि बच्चे राष्ट्र के भविष्य हैं। बाल श्रम से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है। ऐसे में आज हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम बाल श्रम के विरुद्ध आवाज उठाएंगे और बच्चों को उचित शिक्षा और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने का प्रयास करेंगे। 

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