
झारखंड के रांची में बालू की कालाबाज़ारी जोरों पर
रांची निज संवाददाता:
रांची में बालू की कालाबाजारी हो रही है. जून तक 2500 रुपये प्रति ट्रक बिकनेवाले बालू की कीमत बढ़कर 4000 रुपये प्रति ट्रक हो गयी है. कहा जा रहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बारिश के मौसम में 15 जून से 15 सितंबर तक बालू के उत्खनन पर रोक लगा दी गयी है. इस वजह से जिनके पास पूर्व से बालू का स्टॉक है, वे बेच रहे हैं.
रांची में एक ही एजेंसी धनबाद वाइन को बालू का स्टॉक लाइसेंस दिया गया है, जिनसे बालू लेकर वाहन मालिक शहर में आपूर्ति करते हैं. हालांकि, वाहन मालिक स्टॉकिस्ट पर दर बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, स्टॉकिस्ट द्वारा वाहन मालिकों पर ही दर बढ़ाये जाने का आरोप लगाया गया है. बहरहाल, जनता को इस समय प्रति ट्रक डेढ़ हजार रुपये अधिक कीमत पर बालू लेना पड़ रहा है. इधर, रांची के उपायुक्त ने एसडीओ को बालू की कालाबाजारी रोकने का निर्देश दिया है.
स्टॉकिस्ट ने बढ़ा दी बालू की दर :
बालू ट्रक एसोसिएशन के सचिव मोइज उर्फ भोलू ने स्टॉकिस्ट पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कंंपनी द्वारा प्रति ट्रक 300 रुपये चालान काटा जाता था. अब इसे बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति ट्रक कर दिया गया है. जो सरकार की दर से काफी अधिक है. वहीं, बालू के लोडिंग चार्ज भी 700 रुपये प्रति ट्रक से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रति ट्रक कर दिया गया है. इस वजह से बालू की कीमत 1500 रुपये प्रति ट्रक बढ़ गयी है. यह सब स्टॉकिस्ट के कारण हो रहा है. वहीं खूंटी, रामगढ़, हजारीबाग में किसी को भी स्टॉकिस्ट का लाइसेंस नहीं दिया गया है.
वाहन मालिकों के कारण बढ़े दाम :
रांची में बालू स्टॉकिस्ट धनबाद वाइन के संचालक शंकर सिंह ने कहा कि वाहन मालिकों ने ही कृत्रिम कमी बनाकर बालू का दाम बढ़ा दिया है.
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