
क्या आप तैयार है, फिर से नोटबंदी की तैयारी ये है संकेत ..
आपको नोटबंदी याद है ना या नहीं ? हाल में आरबीआई के किसी अधिकारी ने फिर से नोटबंदी का कही जिक्र नहीं किया हैं लेकिन हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि आम आदमी ये सोचने पर मजबूर हो रहा हैं कि ये सरकार एक और नोटबंदी कर सकती हैं । ऐसा सोचने की पीछे कुछ ख़बर हैं और एक्शन जैसे आरबीआई अब मार्केट में छोटे नोटों की सप्लाइ बढ़ाएगा, बाजार में बड़े नोटों में कमी और आरबीआई ने घटाई सप्लाइ, ₹2000 के नोटों की तंगी आदि ।
आरबीआई ने फैसला किया हैं कि मार्केट में अब 50, 100 और 500 रुपये के नोटों की सप्लाइ को बढ़ाया जायेगा । अगस्त अंत तक 200 रुपये के नए नोट भी मार्केट में आ सकते हैं। बैंकिग सूत्रों का कहना है कि छोटे नोटों की संख्या बढ़ाने का मतलब 2000 रुपये के नोट को बाहर का रास्ता दिखाने की शुरुआत हो सकती है। एसबीआई अपने एटीएम रीकैलिब्रेट कर रहा है, ताकि 500 रुपये के नोटों को ज्यादा जगह मिले।
2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर-
अब सरकार बड़े नोट छापना ही नहीं चाहती, वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 11 अप्रैल को नोटों की छपाई के लिए प्रॉडक्शन प्लानिंग की बैठक हुई थी। बैठक में रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छापने का प्रस्ताव रखा था, मगर वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया था। हालांकि बाकी छोटे नोट छापने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार छोटे नोटों की सप्लाइ बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके 2 फायदे हैं। एक, जाली मुद्रा की साजिश पर लगाम लगेगी। दूसरा, सरकार चाहती है कि लोग कैश की जगह कार्ड से पेमेंट ज्यादा करें। बड़े नोट की कमी होने से लोगों को बड़ी राशि का कैश से पेमेंट करने में दिक्कत आएगी। ऐसे में वे ऑनलाइन या कार्ड से पेमेंट करेंगे। इससे कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा।
500 रूपये के नोट की सप्लाई –
आरबीआई 500 रुपये के नोट सप्लाई कर रहा है ताकि पिछले साल नोटबंदी के दौरान दिखी कैश क्राइसिस जैसी स्थिति न बने। बैंकरों का कहना है कि ऐसा करना आरबीआई की इस स्ट्रैटेजी का हिस्सा हो सकता है कि सर्कुलेशन में हाई-वैल्यू करंसी के टोटल अमाउंट पर कंट्रोल रखा जाए।
एटीएम में भी 2000 के नोट को कम जगह –
देश में 50,000 से ज्यादा एटीएम मैनेज करने वाली हिताची पेमेंट सर्विसेज के एमडी लोनी एंटनी ने कहा, ‘अभी मार्केट में एक नई बात दिख रही है कि 2000 रुपये के नोट एटीएम में रखने के लिए नहीं आ रहे हैं और इसके साथ ही नोटबंदी के बाद एटीएम से कैश विदड्रॉल का औसत साइज 12 पर्सेंट बढ़ गया है।’
पिछले कुछ हफ्तों से एटीएम में 2000 रुपये के नोट की कमी देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने पिछले कुछ हफ्तों से बैंकों को 2 हजार रुपये के नोटों की कम आपूर्ति की है। इस कारण बैंक अब एटीएम में भी 2000 के नोट को कम भर रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि एटीएम से 2000 रुपये के नोट की जगह खत्म की जा रही है। इसके अलावा यह भी आशंका जताई जा रही है कि पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के ऐलान के तुरंत बाद आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट छापने शुरू किए थे और हो सकता है कि अब इनकी सप्लाइ ऐसे लेवल पर पहुंच गई हो, जिससे आरबीआई असहज महसूस कर रहा हो। यह कम वैल्यू के नोट ज्यादा प्रिंट करने की सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा होगा। आरबीआई जल्द 200 रुपये के नोट जारी कर सकता है।
जल्द आ रहा है 200 का नोट –
अधिकारीयों के अनुसार 200 रुपए के नोट को लाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए प्रोक्योरमेंट और प्रिंटिंग में अभी कुछ समय लगेगा। उम्मीद है कि 200 रुपए का अगस्त महीने तक मार्केट में आ जायेगा हालांकि शुरुवात में ये नोट एटीएम में नहीं मिलेगा । आपको ये तो याद ही होगा कि 2000 और 500 के नए नोट भी पहली नोटबंदी के समय आये थे ।
कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा –
रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया का कहना है कि हम चाहते हैं कि भारत जल्द से जल्द कैशलेस इकॉनमी बने। सरकार जो भी कदम उठा रही है, उसके पीछे इकॉनमी ग्रोथ में तेजी, ब्लैक मनी पर अंकुश और वित्तीय घाटे को एक निश्चित दायरे में रखना लक्ष्य है। ऐसा तभी हो पाएगा, जब लोग कैश की जगह ऑनलाइन पेमेंट करेंगे। इससे टैक्स चोरी कम होगी।
अधिकारी और रिपोर्ट भी ये कह रहे हैं –
एक बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लोग अब छोटी करंसी का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़े नोटों के इस्तेमाल में कमी आने का सबसे ज्यादा फायदा 100 रुपये के नोट के यूज में दिखा है। नोटबंदी लागू होने से पहले 100 रुपये के नोट का इस्तेमाल कुल करंसी में 9.6 फीसदी था, जो बढ़कर 20.3 फीसदी हो गया है।
डिमोनेटाइजेशन एंड कैश एफिशंसी नामक रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल इस्तेमाल किए जा रहे कुल नोट में 500 और 100 रुपये की हिस्सेदारी 86.3फीसदी थी, जो फिलहाल
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