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रफी के गीतों पर झूमे दुमका वासी

रफी के गीतों पर झूमे दुमका वासी


दुमका, संवाददाता।

चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे, वो जब याद आए बहुत याद आए ,तुम मुझे यूं भुला न पाओगे ,दर्दे दिल दर्दे जिगर, परदेसियों से ना अखियां मिलाना ,नैन लड़ जइहैं तो मनवा मा कसक होइबे करी, मेरे नैना सावन भादो, आदि गीतों के माध्यम से इंडोर स्टेडियम दुमका मे जिला कला संस्कृति एवं खेलकूद संघ के कलाकारों ने साहित्य सम्राट मुंशी प्रेमचंद तथा स्वर्गीय रफी को सुरीली श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला कला संस्कृति एवं खेलकूद संघ के कलाकार सह जिला कला संस्कृति एवं खेलकूद संघ के कोषाध्यक्ष मदन कुमार , कलाकार संजय कुमार ,निरंजन ,जय बागची, पीहू चक्रवर्ती ,संदीप कुमार तथा प्रियंका कुमारी ने अपने सुरीले गीतों से समा बांध दिया। संगीत महेंद्र प्रसाद साह मोहम्मद कमरुल हुसैन अनिल शाह तारापद बाउरी आदि ने दिया । शिशिर कुमार घोष ने स्वर्गीय रफी के कुछ चुनिंदा गीतों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इससे पूर्व मुख्य अतिथि नगर पर्षदअध्यक्ष अमिता रक्षित तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय तथा निवर्तमान जिला शिक्षा अधीक्षक अरुण कुमार ने जिला कला संस्कृति एवं खेलकूद संघ के द्वारा देश के महान विभूतियों के प्रति इस प्रकार का कार्यक्रम किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी ।

अवसर पर जिला कला संस्कृति एवं खेलकूद संघ के सचिव उमा शंकर चौबे ने मुंशी प्रेमचंद तथा मोहम्मद रफी के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए स्वागत संबोधन किया। इस अवसर पर जिला कला-संस्कृति एवं खेलकूद संघ के तमाम सदस्यों सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे ।

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