
दारोगा नियुक्ति विज्ञापन में संशोधन की मांग, अभ्यिर्थियों ने किया राजभवन मार्च
रांची, प्रतिनिधि।
दारोगा नियुक्ति के विज्ञापन में संशोधन की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने आज मंगलवार को राजधानी रांची में अल्बर्ट एक्का चौक से राजभवन मार्च किया।
प्रदर्शनकारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार दारोगा नियुक्ति नियमावली में संशोधन नहीं करती है, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। छात्र नेता मनोज यादव ने बताया कि वर्ष 2009 के बजाय उम्र सीमा बढ़ाकर 2017 कर दिया गया, जबकि नियुक्ति में विलंब होने से अभ्यर्थियों को 18वर्ष का नुकसान हुआ है और इसकी भरपाई अब नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि दरोगा की नियुक्ति के लिए जब पिछली बार विज्ञापन निकाला गया था, तब से इस साल में करीब दस साल उम्र सीमा कम कर दी गई है।
सामान्य वर्ग की पहले अधिकतम उम्र सीमा 35 थी, जिसे अब 26 साल कर गई है। इसी तरह ओबीसी की अधिकतम आयु 38 को घटाकर 28 और एसटी एससी के अधिकतम आयु 40 को घटा कर 30 कर दी गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की स्थानीय नीति से भी यहां रहने वाले आदिवासियों और मूलवासियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि जेएसएससी ने तीन दिनों पहले दारोगा पद पर तीन हजार नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। इसमें सामान्य कैटेगरी के लिए उम्र सीमा 21 से 26, ओबीसी के लिए 21 से 28 और एससी, एसटी के लिए 30 वर्ष निर्धारित है। उम्र सीमा की गणना 1 अगस्त 2017 रखी गई है, जिससे छात्र काफी नाराज हैं।
इधर छात्रों का एक दूसरे गुट झारखंड छात्र संघ ने बिहार क्लब में बैठक कर सरकार के विरुद्ध बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की है।
संघ के अध्यक्ष एस अली की मानें तो राज्य के छात्रों को अन्य राज्यों की तरह सभी नियुक्ति परीक्षा में उम्र सीमा में 10 वर्ष की छूट मिलनी चाहिए। उम्र सीमा में छूट को लेकर छात्रों ने आत्महत्या करने तक की धमकी दे डाली है, वहीं दारोगा नियुक्ति परीक्षा के लिए जेएसएससी ने ऑनलाइन आवेदन देने की मांग कर छात्रों की नाराजगी को बढ़ा दी है।
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