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बिहार में बाढ़ का कहर, जाने क्या- क्या हुआ विशेष रिपोर्ट

बिहार में बाढ़ का कहर, जाने क्या- क्या हुआ विशेष रिपोर्ट

विशेष संवाददाता, बिहार :-

बिहार बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य में लाखों लोगों पर अचानक आसमान से संकट मंडरा गया है. पिछले 24 घंटों में यहां ऐसी बारिश हुई की जैसे आसमान फट गया. बिहार के कई जिलों में गांव के गांव बाढ़ में डूब गए. अगले दो दिन भी बिहार पर भारी है. मौसम विभाग ने भारी बारिश का अनुमान लगाया है. बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हवाई दौरा करेंगे.

दरभंगा:-

बिहार में दरभंगा के अस्पताल DMCH के वॉर्ड में पानी भर गया है. अस्पताल में बारिश के पानी के बीच ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इतना ही नहीं बारिश से दवाईयां भी बर्बाद हो गई हैं. वहीं, अस्पताल की कई मशीने पानी की वजह से काम नहीं कर रही हैं. इन हालातों में इमरजेंसी वाले मरीजों का इलाज करने की कोशिश जारी है.

मोतिहारी:-

बिहार के मोतिहारी में ने इलाके की सूरत बिगाड़ दी है. पूर्वी चंपारन का मोतिहारी वो इलाका है जो नेपाल के बॉर्डर से सटा है. नेपाल में भारी बारिश से वहां की नदियां उफान पर है और नेपाल की नदियों का पानी यहां बिहार के इलाकों में बाढ़ ला रहा है. मोतिहारी के साथ रक्सौल में बारिश की वजह से कहर बरपा है. उफनते पानी को पार करने के लिए लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है.

सीतमढ़ी और शिवहर :-

तेज बारिश की वजह से बिहार के सीतमढ़ी और शिवहर जिले में बाढ़ जैसे हालात हैं. सबसे ज्यादा बुरे हालात सीतमढ़ी के बथनाह प्रखंड की हैं. यहां दर्जनों गांवों में पानी भर गया है और लोगों पलायन करना पड़ रहा है. सीतमढ़ी के सुरसंड का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट गया है. नेशनल हाइवे 104 पर कई फीट पानी जमा हुआ है.

अररिया:-

बिहार के अररिया जिले के दर्जनों गांव तेज बारिश की वजह से बाढ़ की चपेट में हैं. बारिश ऐसी आफत लेकर आई है कि लोगों के घर छिन गए. अररिया में तेज बारिश की वजह से रेल यातायात पर बुरा असर पड़ा है. नॉर्थ ईस्ट जाने वाली सभी ट्रेन रूट ठप पड़े हैं. कटिहार समेत कई स्टेशनों पर इन ट्रेनों को रोककर रखा गया है. कई एक्सप्रेस और पैंसेजर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है.

किशनगंज:-

पटना से करीब पौने तीन सौ किलोमीटर दूर किशनगंज में हजारों लोग मुश्किल में हैं. किशनगंज के सात प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. सबसे ज्यादा बर्बादी दिघलबैंक, कोचाधामन, ठाकुरगंज में हैं. पानी इतना ज्यादा है कि लोग जरूरत का सामना सिर पर ढोकर घर को छोड़ पलायन कर रहे हैं.

नदी में डूबने से एक महिला समेत दो लोगों की यहां मौत हो चुकी है. तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं. यहां पर महानंदा नदी पर बने बांध में दरार दिख रही है. जिसकी वजह से लोग दहशत में हैं. अगर इसी तरह तेज बारिश होती रही तो हालात और खराब हो सकते है. यानी किशनगंज की करीब 10 लाख लोगों की आबादी पर गहरा संकट है.

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