
क्या है पीपराही गाँव में विवाद की अर्द्ध सत्य कहानी
पीपराही बरहडि़या सिवान संवाददाता।
पीपराही गाँव की अर्द्ध सत्य कहानी दिखाई और सुनाई जा रही है
मामला क्या था मामला:-
विवाद शुरू खुद मुस्लिंम लोगो ने किया,
जब मुहर्म का जलूस लेकर यह लोग निकले उस समय सब कुछ शांत था, उनको किसी ने कुछ नही कहा नाही उनके साथ कोई हिन्दू का बच्चा ही गया सब को शख्त हीदायत दी गई थी उनके जलूस मे कोई हिन्दू के तरफ से बाधा उत्पन नहीं होना चाहिये ,
जब यह लोग छठ स्थल पर पहुचे तब किसी को ना पाकर इन्होने ने छठ प्रतिमा को छतीग्रस्थ कर दिया और आगे निकल गए,
वहा कुछ दुरी पर छोटे बच्चे खड़े थे जो ताजिया देखने आये हुवे थे उनहोने आकर गाँव मे बताया .फिर भी पूरा गाँव शांत रहा,
फिर प्रशासन को फोन किया गया प्रशासन के तरफ से कोई नही आया, फोन पर बोला गया अगर समय मिला तो आयेगे नही तो सुबह देखते है, ईस तरह के आश्वासन सून सब लोग अपने घर चले गए, सुबह मुस्लिम लड़के उठ कर गाली गलौज करने लगे
इतने मे कुछ हिन्दू लड़के भी बाहर आये और पुछने लगे तुम गलती भी करते हो और गाली गलौज भी कर रहे हो, उसके बाद बात विवाद बढ़ता गया, इतने मे कलाम खॉ अपने साथ खड़े लड़को को बोला काट दो सबको भाग कर तलवार ले आये और वहा खड़ा सोनू कुमार सोनी ,अर्जुन सोनी ,राजा सोनी ,दशरथ सोनी पर हमला कर दिया ,उनको तुरंत सिवान सदर अस्पताल मे भर्ती किया गया, वहा से डॉ़ ने पटना रेफर किया है, सोनू को सिर हाथ और पीठ कटा है, अर्जुन का सिर कटा है ,राजा का हाथ मे फरेक्चर और ऊगली टूटा है, सब का हालात बहुत ही खराब है!
अगर प्रशासन समय रहते चली आती तो सायद आज हाल ऐसा नही होता।
करबला बाजार में गत दिनों हुए बवाल में शुक्रवार को कुल 25 केस दर्ज हुए, जिसमें लगभग एक हजार लोगों को नामजद किया गया है। दोनों गुटों के विवाद का पहला केस सीओ वकील ¨सह के लिखित बयान पर थाना कांड संख्या 113/17 दर्ज हुआ, जिसमे दोनों गुटों के 75 लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए करबला बाजार से छह, लौवान से 25, कोइरीगांवां से 31, अठखंभा से छह, कुड़वा से दो, पकवलिया से दो, बड़हरिया से एक दोनों गुटों से मिलाकर कुल 73 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस के अलावा कोइरीगांवां और करबला बाजार से 20, पिपराही गांव से तीन और लौवान गांव से एक आवेदन पर कुल 24 केस दोनों गुटों ने दर्ज कराया है। इनमें अधिकतर आरोपित पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए केस के नामजद हैं, जो जेल में बंद हैं।
पहली बार 25 केस होने का बना रिकॉर्ड, बड़हरिया हुआ शर्मसार
बड़हरिया थाना की स्थापना सन 1927 ई. में अंग्रेजों के शासन काल में हुई थी। अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ने के दौरान से लेकर इस वर्ष 30 सितंबर तक के इतिहास में इतने केस एक साथ कभी दर्ज नहीं हुए थे। इसके पहले महावीरी अखाड़ा वर्ष 2015 में कोइरीगांवां, हरदिया टोला,
लौवान, करबला बाजार, चैनछपरा में विवाद हुआ था, जिसमें पुलिस और दोनों गुटों ने केस किया था, जिनकी संख्या 12 थी।इस बार का विवाद रिकॉर्ड तोड़ते हुए कुल 25 केस ठोक डाला। इतिहास गवाह है कि बड़हरिया कभी शांति का संदेश देने और ¨हदू-मुस्लिम एकता के लिए प्रसिद्ध था। अब नफरत के लिए जाने जाना लगा है। बड़हरिया जीएम उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य एन सिन्हा, रामनाथ प्रसाद पटेल, समशुल अहमद, महमूद आलम आदि बुद्धिजीवियों ने सभी लोगों को बड़हरिया को शर्मसार होने से बचाने की अपील की है।
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