
भूमि अधिग्रहण अधिनियम- 2013 के मूल प्रावधानों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना होने दे--सांसद विजय हांसदा
भूमि अधिग्रहण अधिनियम- 2013 के मूल प्रावधानों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना होने दे--सांसद विजय हांसदा
राजमहल लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय हांसदा ने बजट सत्र के दूसरे चरण में सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम- 2013 के मूल प्रावधानों से हटकर अध्यादेश लाए जाने की तरफ दिलाया।
सांसद श्री हांसदा ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा इस अध्यादेश में किया गया छेड़छाड़ अनुचित है। इससे झारखंड के करोड़ों आदिवासियों-मूलवासियों का नुकसान होगा। वर्तमान में संसोधित अध्यादेश से झारखंड के करोड़ों आदिवासी- मूलवासियों के अधिकारों का हनन होगा। यह अध्यादेश मुट्ठी भर पूंजीपतियों एवं व्यपारियों को और धनवान बनाने और यहाँ के लोगों को गरीब बनाने की साजिश है। जिसके कारण झारखंड राज्य के आदिवासी- मूलवासी काफी आक्रोशित एवं सशंकित हैं। अनेकों योजना के नाम पर आदिवासी- मूलवासियों की जमीन को अधिग्रहित कर उन्हें भूमिहीन किया जा रहा है। इससे आदिवासी-मूलवासी का विकास होने के बजाय विनाश होना निश्चित है। योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर उन्हें विस्थापित करते हुए रोजगार विहीन किया जा रहा है। सांसद श्री हांसदा ने सदन के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम- 2013 के मूल प्रावधानों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना होने दें। जिससे राज्य के आदिवासी मूलवासी अपना आर्थिक एवं सामाजिक विकास निसंकोच ढंग से कर सके।
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