
आंगनबाड़ी केंद्र के चापानल पर स्वास्थ्य उपकेंद्र का कब्जा
आंगनबाड़ी केंद्र के चापानल पर स्वास्थ्य उपकेंद्र का कब्जा
बासुकीनाथ, संवाददाता
एक और जहां राज्य के आंगनबाड़ी केंद्र एवं विद्यालय मे पढ़ने वाले बच्चे शुद्ध पेयजल को तरस रहे हैं वहीं दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड का एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है जिसके संचालक ने अपने बगल के आंगनबाड़ी केंद्र में स्थित चापानल का अतिक्रमण कर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले नौनिहालों को शुद्ध पेयजल से वंचित कर रखा है। यह मामला सरैयाहाट प्रखंड के बरमनियाँ पंचायत अंतर्गत मोखापर गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का है। उक्त आंगनबाड़ी केंद्र में लगभग 45 की संख्या में बच्चे नामांकित हैं। केंद्र की सेविका सुशीला देवी एवं सहायिका ने बताया कि इस केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों की मुख्य समस्या पेयजल की है। सेविका ने पेयजल की समस्या के बारे में बताते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के पेयजल हेतु चापानल लगा हुआ था जिससे बच्चे शुद्ध पेयजल प्राप्त करते थे लेकिन कुछ समय पहले केंद्र से सटे स्वास्थ्य उपकेंद्र संचालक द्वारा चापानल का हैंडल एवं चबूतरा उखाड़कर उक्त बोरिंग में विद्युत मोटर लगाकर स्वास्थ्य उपकेंद्र में पानी सप्लाई हेतु ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमने कई बार स्वास्थ्य कर्मियों से आग्रह किया कि आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए बाहर एक नल लगा दे लेकिन उनके कानों पर जूं नहीं रेंगा। कई बार इस संबंध में शिकायतपत्र बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को भी दिया गया लेकिन स्थिति जस के तस है और बच्चे इधर उधर से पेयजल की व्यवस्था करने को मजबूर हैं। सेविका ने आरोप लगाया कि सीडीपीओ कार्यालय में भी उनकी नहीं सुनी जाती। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों से केंद्र संचालन के लिए स्लेट, पेंसिल, बाल्टी, मग, थाली बर्तन आदि महत्वपूर्ण सामग्री विभागीय कार्यालय द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है जिसके कारण केंद्र संचालन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। जबकि हाल फिलहाल सीडीपीओ मैडम भी केंद्र के निरीक्षण में आई हुई थी उन्होंने अपनी आंखों से यहां की दुर्दशा देखी है लेकिन फिर भी अब तक किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई बच्चों को बैठने तक के लिए दरी की व्यवस्था नहीं है आखिर इन समस्याओं की शिकायत किससे करें जब अपने वरीय पदाधिकारी ही ध्यान नहीं देते हैं तो फिर दूसरे क्या सुनेंगे।
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