
दिमाग की सूजी नस का इलाज बिना चीरफाड़ के संभव
संवाददाता राकेश द्विवेदी
गोरखपुर पैड़लेगंज स्थित राजबंशी न्यूरो मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के ब्रेन एवं न्यूरो सर्जन डा अजय कुमार सिंह ने बताया कि दिमाग में नस की सूजन मरीजों में काफी खतरनाक साबित हो शक्ति है क्योंकि सूजन ब्रेन हेमरेज में तब्दील हो शक्ति है इसका इलाज अब बिना चीर फाड़ के गोरखपुर में संभव है अब तक यह सुविधा सिर्फ दिल्ली और लखनऊ के पीजीआई में संभव था डॉ अजय सिंह ने बताया कि दिमाग की सूजी नस का इलाज पतले तार से संभव है। इसे क्वायलिंग कहते हैं इस तकनीक दिमाग की सूची नस का इलाज बिना चीरफाड़ के संभव
अब तक यह सुविधा सिर्फ दिल्ली और लखनऊ के पीजीआई में संभव था डॉ अजय सिंह ने बताया कि दिमाग की सूजी नसका इलाज पतले तार संभव है ।इसे वाइंडिंग कहते हैं ।इस तकनीक के जरिए अब तक 4 मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक हुआ है देवरिया जिले के खुखुंदू ू की रहने वाली मैना देवी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि सिर में तेज दर्द के चलते मैंने देवी बेहोश हो गई थी ।सीटी स्कैन दिमाग की नस में सूजन निकला मशीन से दिमाग की नस भी फट सकती थी ।उसकी जान बचाने के लिए क्वायलिंग का फैसला किया गया ।इसमें बाह के पास से पतला तार डाल दिया इसमें इंडोवैस्कुलर तकनीक का इस्तेमाल किया गया। डॉक्टर सिंह ने दावा किया कि शहर में यह पहली तकनीक आई है। डॉक्टर सिंह ने बताया ब्रेन के एन्यूरिज्म के मुख्य कारण बढ़ती उम्र मधुमेह ,मोटापा ,उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल ,दिल की बीमारी ,ड्रग्स का सेवन, और ब्रेन एन्यूरिज्म के लक्षण चेहरे हाथ या पैर में सुन्नपन चक्कर आना बिना कारण ब्रेन में तेज सिरदर्द चलने में परेशानी दोनों आंखों में साफ देखने में तकलीफ बोलने या समझने में दिक्कत डॉक्टरअजय सिंह ने बताया कि दिल्ली में इसका खर्च 10 लाख से अधिक आता है।
शहर में यह ऑपरेशन सिर्फ तीन लाख में किया जा रहा है।
डॉक्टर अजय कुमार सिंह ब्रेन एवं स्पाइन सर्जन जरिए अब तक 4 मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक हुआ है ।
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