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    "म्हारा नया साल"

"म्हारा नया साल"

"हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं"

रेणु नैन
कवियत्री, हरियाणा
             
                "म्हारा नया साल"

बेरियां के बेर पाके,डाली झुकी फाल में!
प्रकृति का यौवन लेव,अंगड़ाई नए साल में!!

गेंहू सुनहरी होगी,पक्क गए दाणे जी,
बेनुमानी दौलत बिखरी खेत सीमाणे जी,
खलिहान भरे सरसों के,उस दाता की संभाल में।
प्रकृति का यौवन लेव,अंगड़ाई नए साल में!!

ना गर्मी, ना जाड़ा यु, मौसम सै सुहान्दा-सा,
त्योहारां का सीजन भी,यु दिखै सै जांदा सा,
रंगीला-सा ढंग रह और मस्ती ख़्याल में!
प्रकृति का यौवन लेव,अंगड़ाई नए साल में!!

छुट्टी मिलज्या बालकां नै,पूरे इम्तिहान होज्या,
देख देख फसलां नै,राजी यु किसान होज्या ,
नवरात्रे होज्यां शुरू कोए रह ना मलाल में!
प्रकृति का यौवन लेव,अंगड़ाई नए साल में!!

म्हारे हिन्दू नववर्ष की,जब नई शुरुआत होवै,
बकैण,शीशम,नीमा के नए फूल हरे पात होवै,
रेनू नैन मनमोहक नजारे म्हारे हिन्द विशाल में!
प्रकृति का यौवन लेव,अंगड़ाई नए साल में!!

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