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महज 40 कदम चले किम जोंग उन और बदल गया 70 सालों का इतिहास

महज 40 कदम चले किम जोंग उन और बदल गया 70 सालों का इतिहास


सत्तर साल पहले उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया अलग हुए थे, उसके बाद से उत्तर कोरिया के किसी नेता ने दक्षिण कोरिया की सरजमीं पर कभी कदम नहीं रखा था। अब उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने 40 कदम साथ चलकर सत्तर सालों से रिश्तों  पर जमी बर्फ को पिघला दिया है। उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच सत्तर साल बाद हुई 'अंतर-कोरियाई शिखर वार्ता' ने इन दोनों देशों साथ ही पूरे कोरियाई प्रायद्वीप में एक नए युग के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। 27 अप्रैल को जब दोनों मुल्क के नेताओं ने पहली बार हाथ मिलाया तो दोनों के हाथ एक-दूसरे के हाथों में थे, मगर दोनों के कदम अपने-अपने मुल्क में थे और बीच में थी एक रेखा जो उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया से अलग करती है।

इस ऐतिहासिक वार्ता में क्या हुई बातचीत?

जब दोनों नेताओं के कदम एक-दूसरे की सरजमीन पर पड़े तो उत्तर कोरिया के नेता मार्शल किम जोंग उन अपने देश के पहले ऐसे नेता बन गए, जिनके कदम दक्षिण कोरिया में पड़े। महज 40 कदमों की इस दूरी को पाटने में दोनों देशों को पूरे 7 दशक लग गए। उत्तर कोरिया ने कहा, 'इस ऐतिहासिक वार्ता ने राष्ट्रीय सुलह , एकता, शांति एवं समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत की है।' दस्तावेजों में दोनों नेताओं ने इस बात की पुष्टि की कि 'परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप' का साझा लक्ष्य पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के जरिए ही पूरा हो सकता है। प्योंगयांग कई वर्षों से इस बात पर जोर देता रहा है कि वह परमाणु हथियारों का अपना 'खजाना'  नहीं छोड़ेगा। उसका कहना है कि उसे अमेरिकी आक्रमण से निपटने के लिए इसकी आवश्यकता है।

दक्षिण कोरिया के अनुसार सुरक्षा की गारंटी देने पर वह इस पर बातचीत को तैयार है। हालांकि किम ने कल हुई शिखर वार्ता में सार्वजनिक तौर पर इसका कोई जिक्र नहीं किया। कोरिया युद्ध के बाद कोरियाई देशों को बांटने वाली सैन्य सीमा पार कर दक्षिण कोरिया जाने वाले किम पहले नेता हैं। शिखर वार्ता के लिए पनमुंजम की युद्धविराम संधि के अधीन आने वाले गांव के दक्षिणी किनारे पर स्थित 'पीस हाउस बिल्डिंग' में दाखिल होने से पहले किम के आमंत्रण पर दोनों नेता एक साथ उत्तर कोरिया में दाखिल हुए थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के नेताओं के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता  की तारीफ की।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने ''ऐतिहासिक कोरिया शिखर वार्ता की तारीफ की

 संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के नेताओं के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता  की तारीफ की। गुतारेस ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच ईमानदार संवाद और कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण सहित जिन चीजों पर सहमति बनी है वे उन पर तेजी से कदम उठाएंगे। महासचिव के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने एक बयान में कह, 'महासचिव ने वाकई ऐतिहासिक शिखर वार्ता की तारीफ की है, कोरियाई प्रायद्वीप में सद्भाव और शांति कायम करने के मकसद से दोनों नेताओं के साथ आने की प्रभावशाली तस्वीरों से दुनिया में कई लोग प्रभावित हुए हैं।'

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