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चमड़ा उतारने के आरोप में हुई थी पिटाई, दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

चमड़ा उतारने के आरोप में हुई थी पिटाई, दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

गुजरात के उना दलित पिटाई कांड के पीड़ितों तथा उनके परिजनों समेत लगभग 450 दलितों ने रविवार को बौद्ध धर्म अपना लिया। गिर सोमनाथ जिले के उना तालुका के समढियाणा में विधिवत आयोजित बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।

भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच आयोजित एक समारोह में तीन बौद्ध भिक्षुओं ने धर्मांतरण समारोह का संचालन किया। इसमें जुलाई 2016 में गाय का चमड़ा उतारने के आरोप में पिटाई का शिकार बने बाबू सवैर्या, वंशराम सवैर्या, अशोक सवैर्या और रमेश सवैर्या समेत अन्य पीड़ित और उनके परिजनों ने भी धर्मांतरण किया।

रमेश सवैर्या ने कहा कि उना मामले में हमें अब तक न्याय नहीं मिला है और हमारे धर्म परिवर्तन के पीछे यह भी एक कारण है। राज्य सरकार ने भी हमारे खिलाफ भेदभाव किया क्योंकि उत्पीड़न की घटना के बाद जो वादे हमसे किए गए थे, वे पूरे नहीं हुए।

भेदभाव का आरोप लगाया 

रमेश ने कहा कि हिन्दुओं द्वारा उनकी जाति को लेकर किए गए भेदभाव के कारण उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया है। हिन्दू गोरक्षकों ने हमें मुस्लिम कहा था। हिन्दुओं के भेदभाव से हमें पीड़ा होती है और इस वजह से हमने धर्म परिवर्तन का निर्णय किया। हमें मंदिरों में प्रवेश करने से रोका जाता है। हिन्दू हमारे खिलाफ भेदभाव करते हैं और हम जहां भी काम करते हैं, वहां हमें अपने बर्तन लेकर जाना पड़ता है। 

देश में भर में चर्चा का विषय बना था

उनाकांड के बाद गुजरात में कई स्थानों पर दलितों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। देश दुनिया में चर्चा का विषय बने इस पिटाई कांड जिसका सनसनीखेज वीडियो सोशल मीडया में वायरल हुआ था, के पीड़ितों से मिलने वालों में कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे।

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