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मिर्जाचौकी : प्रदूषण खाकर जीने को मजबूर ग्रामीण

मिर्जाचौकी : प्रदूषण खाकर जीने को मजबूर ग्रामीण

मिर्जाचौकी : प्रदूषण खाकर जीने को मजबूर ग्रामीण

मिर्जाचौकी क्षेत्र के नयाटोला , तेतरिया , बरतल्ला , उत्तरीमहादेवबरण आदि क्षेत्र के लोग क्रेशर से उड़ रहे धूलकण से पूरी तरह परेशान है । मिर्जाचौकी स्टेशन से पूर्व की तरफ स्थित क्रेशर रात भर धरल्ले से चलती ही रहती है । जिसके कारण मिर्जाचौकी स्टेशन , स्टेशन पर बैठे यात्रीगण  धूलकण खाने को विवश है । मिर्जाचौकी स्टेशन पर आने वाली ट्रेन में बैठे यात्री भी धूलकण से प्रभावित है । पूरा गांव धूल से ढक जाती है , लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है । घुट घुट कर मरने को मजबूर है ग्रामीण । क्षेत्र के कुछ लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए है इससे उनको लाभ भी हो रहा है इसलिए आवाज उठाने से कतराते है । रेलवे साइडिंग में चल रहे क्रेशर रात भर चलता ही रहता है । ग्रामीण शिकायत करे तो करे कहाँ । क्रेशर चलने -बन्द होने का कोई समय सीमा तय भी नही है । दिन में तो लोग धूल प्रदूषण खाते ही है अब साम से रात भर धूलकण खाकर ही जीने को मजबूर ग्रामीण । रेलवे साइडिंग में जिनका जिनका क्रेशर है वो क्षेत्र के दबंग किस्म के लोग है इनका विरोध करने से लोग डर रहे है । मौत में मुह में धीरे धीरे जा रहे लोग , मौन रहकर धूलकण खाने को मजबूर ग्रामीण । कुछ दिन पहले अभिजीत रंजन दुआरा रेलवे साइडिंग का मामला उठाया गया था जिसमे धूलकण के बारे में बताया भी गया था बावजूद रेलवे साइडिंग क्रेशर रात भर चलता ही रहता है । कोई समय सीमा नही होने के कारण क्रेशर से उड़ रहे धूल मौत को आमंत्रण देते हुए । गांव के लोग इस समस्या से मुक्ति चाहते है ।  ग्रामीणों का कहना है  की जल्द ही साहिबगंज dc , sp , sdo , विधायक , सांसद , जिला खनन पदाधिकारी आदि को आवेदन के माध्यम से इस  भीषण समस्या की सूचना देंगे । अगर जल्द ही समस्या का हल न निकला तो रांची जाकर राज्य के मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत करेंगे । क्रेशर से उड़ रहे धूल मौत को आमंत्रण देती हुई आम जनता परेशान मदद करने वाला कोई नही ।

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