
नगर पार्षदों के संबंधियों के चलते नगर परिषद बना अखाडा का अडडा
बेतिया
नगर पार्षदों के संबंधियों के चलते नगर परिषद बना अखाडा का अडडा।
विजय कुमार शर्मा पश्चिमी चंपारण बिहार
बेतिया नगर परिषद का विवाद इस हद तक पहुंच गया के आपस में एक दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज करने की नौबत आ गई इतना ही नहीं हवालात का मुंह देखना पड़ा बड़ी परेशानियों का सामना करते हुए पार्षदों को राहत मिली यह एक अजीब विडंबना है के नगर परिषद की बैठक में नगर पार्षदों के संबंधियों का आना-जाना लगा रहता है जिनकी उपस्थिति होनी चाहिए थी वह अपने घर पर बैठे रहते हैं और उनके स्थान पर उनके बेटे भाई पति ससुर इत्यादि अनेक संबंधी नगर परिषद की बैठकों में उपस्थित रहते हैं तथा कार्यवाही में दखल अंदाजी करते हैं अपनी मनमानी चलाते हैं और अपने मनमुताबिक आवंटन की राशि को वितरण करने की कार्यक्रम बनाते हैं नगर परिषद की सभापति एवं कार्यपालक पदाधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहते हैं मगर पार्षदों के संबंधियों के बैठे रहने पर भी कोई आपत्ति नहीं जताते हैं और ना ही बैठक में दखलअंदाजी करने पर चेतावनी देते हैं पता चलता है कि सभापति एवं कार्यपालक पदाधिकारी की मिली सांठगांठ से पार्षदों के संबंधियों को बैठक में बैठने की इजाजत दी जाती है जिससे कि हंगामा खड़ा हो और अपनी मर्जी के मुताबिक काम करा सके। विदित हो कि बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के स्पष्ट आदेश के बावजूद भी के नगर परिषद की बैठक में केवल नगर पार्षद ही बैठेंगे इनके संबंधी नहीं बैठ सकते हैं मगर इस नियम को ताक पर रखकर सभापति एवं कार्यपालक पदाधिकारी की मिलीभगत से पार्षदों की बैठक में बैठने की इजाजत दी जाती है जो विवाद एवं अखाड़ा का अड्डा बन जाता है जिसका तत्कालिक उदाहरण तीन-चार दिन पहले घटा है अगर परिषद की बैठक में पार्षदों के संबंध नहीं होते तो ऐसी घटना नहीं घटी यह घटना नगर परिषद के कार्यकाल में एक कलंकित घटना है जो शहर के 39 वार्डों की जनता अपने नगर पार्षदों के करतूतों से ऊब चुकी है और यह निर्णय ले चुकी है कि अब इन जैसे पार्षदों को अपना मत देकर नहीं जिताएंगे जो इस तरह की कलंकित घटना को अंजाम देते हैं ऐसी शर्मनाक घटना आज तक नहीं घटी थी इतना होने के बावजूद भी अभी भी पार्षदों के बीच मनमुटाव देखादेखी की बात और एक दूसरे पर गलत इल्जाम लगाने वाली घटना घटने की संभावना बन रही है अगर इस पर तुरंत लगाम नहीं लगाया गया तो इस से भी बढ़कर घटना घट सकती है जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से आम जनता ने अपील की है की बैठक के दिनों में पुलिस की कड़ी चौकसी रखी जाए और नगर पार्षदों के संबंधियों को बैठक में बैठने की इजाजत नहीं दी जाए अगर कोई ऐसा करता है तो पुलिस प्रशासन उसको अपने कब्जे में लेकर जेल की हवा खिला दे तभी जाकर इसमें सुधार हो सकेगा
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