
झारखंड को 2022 तक दुर्घटना मुक्त बनाना है : सीएम
मंगलवार, 15 मई 2018
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि 2022 तक झारखंड को दुर्घटनाओं से मुक्त बनाना है। झारखंड को दुर्घटनाओं के मामले में जीरो टारलेंस पर लाना है। जीवन बहुमूल्य है, इसे बचाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है। हम सभी को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए कोई दूसरा कहे, इसका मौका नहीं देना चाहिए। जब हम सभी ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगेंगे, तो दुर्घटनाओं में खुद-ब-खुद कमी आ जाएगी। मुख्यमंत्री रविवार को रांची में सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।
नियम का कड़ाई से करें पालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर जहां जागरुकता की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर नियम का कड़ाई से पालन होना चाहिए। बच्चों को अगर वाहन देते हैं, तो हेलमेट पहनने के लिए भी बाध्य करें। पुलिस और प्रशासन जागरुकता लाने के साथ-साथ नियम का कड़ाई से पालन करें। स्कूलों के प्राचार्य बगैर हेलमेट के स्कूटर-मोटरसाइकिल चलाने वाले छात्रों को स्कूल से निष्कासित करें। शराब पीकर वाहन चलाने वालों का लाइसेंस रद्द करें। समय-समय पर काउंसलिंग करें। स्वयंसेवी संगठन, परिवहन विभाग, पुलिस सभी मिल कर काम करें। पैदल चलने वालों का भी खयाल रखें। इनके लिए जो भी व्यवस्था करनी है, वह करें। परिवहन विभाग में कर्मचारियों की जो कमी है उसे सरकार दूर करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर जहां जागरुकता की जरूरत है, वहीं दूसरी ओर नियम का कड़ाई से पालन होना चाहिए। बच्चों को अगर वाहन देते हैं, तो हेलमेट पहनने के लिए भी बाध्य करें। पुलिस और प्रशासन जागरुकता लाने के साथ-साथ नियम का कड़ाई से पालन करें। स्कूलों के प्राचार्य बगैर हेलमेट के स्कूटर-मोटरसाइकिल चलाने वाले छात्रों को स्कूल से निष्कासित करें। शराब पीकर वाहन चलाने वालों का लाइसेंस रद्द करें। समय-समय पर काउंसलिंग करें। स्वयंसेवी संगठन, परिवहन विभाग, पुलिस सभी मिल कर काम करें। पैदल चलने वालों का भी खयाल रखें। इनके लिए जो भी व्यवस्था करनी है, वह करें। परिवहन विभाग में कर्मचारियों की जो कमी है उसे सरकार दूर करने का प्रयास कर रही है।
पुलिस जनता को परेशान न करेः सीपी सिंह
परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस कानून का पालन करें, लेकिन जनता को परेशान नहीं करे। बिना हेलमेट पकड़ने पर लोगों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, जैसे वह कोई बहुत बड़ा अपराधी हो। पुलिस संवेदनशील बने। युवा जिस तरह मोटरसाइकिल चलाते हैं, उन पर अंकुश लगाने के लिए काम करें। लोग खुद अपनी जिम्मेदारी को समझें। जागरुकता लाएं। ट्रैनिंग दें इससे व्यवस्था में बजलाव आएगा।
परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस कानून का पालन करें, लेकिन जनता को परेशान नहीं करे। बिना हेलमेट पकड़ने पर लोगों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, जैसे वह कोई बहुत बड़ा अपराधी हो। पुलिस संवेदनशील बने। युवा जिस तरह मोटरसाइकिल चलाते हैं, उन पर अंकुश लगाने के लिए काम करें। लोग खुद अपनी जिम्मेदारी को समझें। जागरुकता लाएं। ट्रैनिंग दें इससे व्यवस्था में बजलाव आएगा।
2025 तक 63 लाख वाहन होंगे
कार्यशाला का आयोजन परिवहन विभाग और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट ने मिल कर किया था। इस मौके पर परिवहन विभाग के सचिव राहुल शर्मा, एडीजी (पुलिस आपरेशन) आरके मल्लिक समेत अन्य गणमान्य लोगों ने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि राज्य में पिछले एक साल में दुर्घटनाओं में लगभग सात फीसदी की कमी आई है। पिछले एक वर्ष में 2878 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। 20 हजार लोगों की काउंसलिंग की गई है। राज्य में 2025 तक लगभग 63 लाख वाहन होंगे। सबसे अधिक दुर्घटना के शिकार दो पहिया वाहन चालक होते हैं। जागरुकता, इंफोसर्मेंट, और इंजीनियरिंग यानी सड़क के ब्लैक स्पॉट को ठीक करना इन सब पर ध्यान देना होगा। कार्यशाला में रविवार सुबह बगैर हेलमेट वाहन चला रहे चार युवकों को हेलमेट दिया गया। इसके अलावा सड़क सुरक्षा पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सड़क सुरक्षा, हेड इंज्यूरी, स्कूल बच्चों को शिक्षित करने, इंफोर्समेंट आदि विषयों पर विशेषज्ञों ने अपना विचार व्यक्त किया।
कार्यशाला का आयोजन परिवहन विभाग और ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट ने मिल कर किया था। इस मौके पर परिवहन विभाग के सचिव राहुल शर्मा, एडीजी (पुलिस आपरेशन) आरके मल्लिक समेत अन्य गणमान्य लोगों ने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि राज्य में पिछले एक साल में दुर्घटनाओं में लगभग सात फीसदी की कमी आई है। पिछले एक वर्ष में 2878 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। 20 हजार लोगों की काउंसलिंग की गई है। राज्य में 2025 तक लगभग 63 लाख वाहन होंगे। सबसे अधिक दुर्घटना के शिकार दो पहिया वाहन चालक होते हैं। जागरुकता, इंफोसर्मेंट, और इंजीनियरिंग यानी सड़क के ब्लैक स्पॉट को ठीक करना इन सब पर ध्यान देना होगा। कार्यशाला में रविवार सुबह बगैर हेलमेट वाहन चला रहे चार युवकों को हेलमेट दिया गया। इसके अलावा सड़क सुरक्षा पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सड़क सुरक्षा, हेड इंज्यूरी, स्कूल बच्चों को शिक्षित करने, इंफोर्समेंट आदि विषयों पर विशेषज्ञों ने अपना विचार व्यक्त किया।