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हजारीबाग में दर्जनभर फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

हजारीबाग में दर्जनभर फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

फर्जी सर्टिफिकेट पर इलाज करनेवाले दर्जनभर डॉक्टरों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक महिला डॉक्टर भी है। एसडीओ आदित्य रंजन के निर्देश पर अलग-अलग टीम बना कर शहर और आसपास के इलाकों में छापामारी की गई। दो दवा दुकानदारों को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसडीओ का कहना है कि पकड़े गए डॉक्टर आयुष और होम्योपैथी के डिग्रीधारक हैं। सभी एमबीबीएस डॉक्टर बन कर इलाज कर रहे थे। पकड़ी गई महिला डॉक्टर अंजू आर्या को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से अल्टरनेट मेडिसीन इंस्टीच्यूट की एमबीबीएस बायो की डिग्री मिली, जिसे प्रशासन ने फर्जी करार दिया। पकड़े गए डॉक्टरों में डॉ अंजू आर्या, पी कुमार, एके मेहता, जुनैद अशर्फी, सुहैल कैसर, एमए अंसारी, महबूब आलम, नजरूल इस्लाम, केके पांडेय, आइके भारती, मृत्युंजय सहित 14 शामिल हैं। इनके अलावा विकास, दिलीप रब्बानी और उमेश खंडेलवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी को सदर थाने में रखा गया है। सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। एसडीओ ने बताया कि फर्जी सर्टिफिकेट पर पकड़े गए डॉक्टरों के खिलाफ सात माह से कार्रवाई चल रही थी। इनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने पर इन्हें गिरफ्तार किया गया। उधर, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने दवा दुकानदारों को गिरफ्तारी का विरोध किया है।

इन डॉक्टरों को लिया गया हिरासत में
डॉ अंजू आर्या, पी कुमार, एके मेहता, जुनैद अशर्फी, सुहैल कैसर, एमए अंसारी, महबूब आलम, नजरूल इस्लाम, केके पांडेय, आइके भारती, मृत्युंजय सहित 14 को हिरासत में लिया गया है। फर्जी चिकित्सकों के बारे में डीसी रविशंकर शुक्ला ने बताया कि कागजात की जांच के बाद होगी विधि सम्मत कार्रवाई होगी। नौ टीम बनाकर छापामारी की गई। फर्जी कागजात के सहारे डॉक्टर अपना धंधा चला रहे थे। नवंबर 2017 से ही जिला प्रशासन डमी मरीज के सहारे इन फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में छापामारी कर झोलाछाप डॉक्टरों को पकड़ने का अभियान जारी रहेगा।

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