
खुद है DPO, पत्नी SDM, फिर भी बिटिया को भेज रहे है सरकारी स्कूल...
खुद है DPO, पत्नी SDM, फिर भी बिटिया को भेज रहे है सरकारी स्कूल...
राकेश द्विवेदी जिला संवाददाता संत कबीर नगर
सोशल मिडिया मे बनी चर्चा का विषय पल्लवी मिश्रा ...
में,सोशल मीडिया पर बने चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रिय मित्रों कुछ समय पहले हाई कोर्ट कार्यस्थान सभी सरकारी कर्मचारी mp mla अपने बच्चे को नजदीकी प्राइमरी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करवाएं हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने वाले आज पूरे देश को यह संदेश देना चाहते हैं कि हमें अपने देश की न्यायपालिका का आदेश अवश्य मानना चाहिए
कुछ समय पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि उच्च अधिकारियों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाने चाहिए, लेकिन कोर्ट की इस मंशा के मुताबिक शायद ही किसी ने ऐसा किया हो. अधिकारी अक्सर अपने बच्चों को भारी भरकम फीस खर्च करके प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन लखीमपुर के गोला इलाके की रहने वाली एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने और उनके पति डीपीओ इस बात का पालन कर बड़ा संदेश दिये भारतीयों को बहुत बड़ा संदेश देना चाहते हैं रहे हैं.
अखिलेंद्र दुबे मूल रूप से झांसी जिले के रहने वाले हैं. वह लखीमपुर में डीपीओ हैं. वहीं, उनकी पत्नी पल्लवी मिश्रा लखीमपुर के गोला इलाके की एसडीएम हैं. उनकी बेटी अमारुषा साढ़े तीन साल की है. दोनों अधिकारी दम्पति ने अपनी बेटी का दाखिला सरकारी प्राइमरी स्कूल में कराया है. दम्पति का कहना है कि उन्होंने शहर के कई प्राइवेट स्कूलों का हाल देखा, फिर फैसला किया कि बेटी को सरकारी स्कूल ही भेजेंगे. उनके इस प्रकार के विचार धारा को पूरा देश सम्मान करता है कदम की सोशल मीडिया पर चर्चा है.
एसडीएम बोली- सरकारी स्कूलों के प्रति धारणा गलत है
एसडीएम पल्लवी मिश्रा बताती हैं कि उन्होंने अपनी बेटी को सरकारी स्कूल में पढ़ाने का फैसला किया. यह स्कूल बेसिक शिक्षा विभाग का अंग्रेजी माध्यम स्कूल है. वह कहती हैं कि सरकारी स्कूल के लिए सरकार बहुत पैसा खर्च करती है, इसके बाद भी लोगों के बीच इन स्कूलों की मान्यता नहीं है. माना जाता है कि गरीबों और गांवों के ही बच्चे यहां पढ़ते हैं. जबकि ऐसा सोचना गलत है. जब सरकार इतना पैसा खर्च करती है. फिर ये धारणा क्यों है. बाकी प्राइवेट स्कूल्स का भी हाल किसी से छिपा नहीं है. सुविधाओं के नाम पर सिर्फ मोटी रकम वसूली जाती है.
पल्लवी मिश्रा लखीमपुर के गोला में एसडीएम हैं. उनके पति डीपीओ हैं.
प्राइवेट स्कूलों का हाल ठीक नहीं, इसलिए कराया दाखिला
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