
विश्लेषण: झामुमो की जीत से विपक्षी एका की डोर मजबूत हुई
शुक्रवार, 1 जून 2018
गोमिया और सिल्ली विधानसभा उपचुनाव में झामुमो की जीत से विपक्षी दलों का मनोबल बढ़ा है। यह जीत विपक्षी एकता की सफलता मानी जा रही है। नतीजतन 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकता मजबूत होने के आसार हैं। विपक्षी एका भाजपा के लिए एक सबक भी है।
झारखंड में भाजपा और आजसू का गठबंधन है। भाजपा ने सिल्ली से उम्मीदवार नहीं दिया था।
आजसू से पार्टी प्रमुख सुदेश महतो खुद चुनाव मैदान में थे। गोमिया में दोनों दलों के गठबंधन की गांठ ढीली हुई। भाजपा के साथ-साथ आजसू ने भी अपना उम्मीदवार दे दिया। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तीन दिन गोमिया में कैंप किया। चुनाव से तीन दिन पहले गोमिया के नजदीक ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा कार्यक्रम हुआ। इसके बावजूद पार्टी की हार हुई। दूसरी ओर झामुमो ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारा। विपक्ष एकजुट रहा। कांग्रेस, झाविमो व राजद समेत अन्य विपक्षी दल ने झामुमो का साथ दिया। इसका परिणाम सकारात्मक रहा।
चुनावी नतीजे कई संदेश दे रहे हैं। विपक्षी एकता रहने से भाजपा का मुकाबला किया जा सकता है। भाजपा को आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी। साथ ही आजसू के साथ गठबंधन पर एक बार फिर पार्टी को मंथन करना होगा।