
इजरायल की तर्ज पर झारखंड में भी खेती की कवायद शुरू, चार जिलों का चयन
सोमवार, 29 अक्टूबर 2018
राज्य सरकार इजरायल की तर्ज पर किसानों का संगठन बना सामूहिक खेती को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। इसके लिए पहले चरण में रांची, खूंटी, लातेहार और पाकुड़ का चयन किया गया है। इन जिलों में प्रखंडवार संगठन बनाने का काम शुरू है। इसका निबंधन को-ऑपरेटिव और कंपनी एक्ट के तहत कराया जाएगा।
इजरायल का मॉडल
इजरायल में सामूहिक खेती का प्रचलन अधिक है। वहां की सरकार किसानों को कंपनी एक्ट के तहत निबंधित कर कृषि की नयी तकनीकें और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराती है। कृषि, पशुपालन और मछलीपालन से जुड़े किसानों को उनके उत्पादों की सही कीमत दिलाने के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाता है। आधारभूत संरचना का विकास किसानों की राय पर किया जाता है। योजना खुद किसान बनाते हैं। सरकार उसके कार्यान्वयन में सहयोग करती है।
इजरायल का मॉडल
इजरायल में सामूहिक खेती का प्रचलन अधिक है। वहां की सरकार किसानों को कंपनी एक्ट के तहत निबंधित कर कृषि की नयी तकनीकें और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराती है। कृषि, पशुपालन और मछलीपालन से जुड़े किसानों को उनके उत्पादों की सही कीमत दिलाने के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाता है। आधारभूत संरचना का विकास किसानों की राय पर किया जाता है। योजना खुद किसान बनाते हैं। सरकार उसके कार्यान्वयन में सहयोग करती है।
किसान ही बनाएंगे योजना
राज्य सरकार इसी तर्ज पर झारखंड में भी कृषि, पशुपालन तथा मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके तहत किसानों को ही योजना बनाने की जिम्मेवारी दी जाएगी। प्रयोग के तौर पर चार जिले में प्रखंडवार कृषकों का संगठन तैयार कर उसे सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। आधारभूत संरचना तैयार करने में यह ध्यान में रखा जाएगा कि उसका लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले। हर जिले के किसानों को बाजार नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इससे आसानी से बाजार उपलब्ध होगा।
राज्य सरकार इसी तर्ज पर झारखंड में भी कृषि, पशुपालन तथा मछली पालन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके तहत किसानों को ही योजना बनाने की जिम्मेवारी दी जाएगी। प्रयोग के तौर पर चार जिले में प्रखंडवार कृषकों का संगठन तैयार कर उसे सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। आधारभूत संरचना तैयार करने में यह ध्यान में रखा जाएगा कि उसका लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले। हर जिले के किसानों को बाजार नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इससे आसानी से बाजार उपलब्ध होगा।
हर साल होगा ऑडिट
जिला कृषि पदाधिकारी की देखरेख में संगठन बनाने का जिम्मा प्रगतिशील किसानों को सौंपा गया है। संगठन तैयार होने के बाद उसका को-ऑपरेटिव और कंपनी एक्ट के तहत निबंधन कराया जाएगा। हर साल इसका ऑडिट कराया जाएगा, जिससे पता चलेगा कि कौन संगठन अच्छा काम कर रहा है और कौन नहीं। अच्छा नहीं कर रहा है तो उसकी वजह क्या है। अच्छा करनेवाला संगठन पहले की तुलना में कितना बेहतर कर पाया है। जान रहे नई तकनीक
राज्य के किसानों को इजरायल का भ्रमण कराकर कृषि की नई तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। झारखंड की तरह इजरायल में भी सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है, लेकिन यह फल और सब्जी का निर्यातक देश है। ड्रिप सिंचाई पद्धति से बड़े पैमाने पर फल और सब्जी की खेती की जाती है। हाल के समय में ही राज्य के कई किसानों को सरकार की ओर से इजरायल का दौरा कराया गया। वहां से लौटने के बाद किसान अन्य किसानों को नई तकनीक के बारे में बता रहे हैं।