-->
श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नही हैं :वेद व्यास ओमप्रकाश जी महाराज

श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नही हैं :वेद व्यास ओमप्रकाश जी महाराज

आत्मा को नया रूप देती है रामकथा

श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नही हैं :वेद व्यास ओमप्रकाश जी महाराज

श्रीराम सेवा समिति द्वारा चकश्री मिश्र बांध आनंद नगर वार्ड २२ में आयोजित राम कथा का नौवां दिन  वेद व्यास ओमप्रकाश जी महाराज ने कहा कि राम कथा तन-मन को पवित्र कर उज्जवल करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है।
संकल्प जीवन का मुख्य आधार है इसी से मनुष्य अपना जीवन महान बना सकता है। आध्यात्मिकता व राजयोग के अभ्यास से हमारे विचार सतोप्रधान बनते हैं।
इस अवसर पर श्रीराम सेवा समिती के अध्यक्ष कन्हैया झा  ने कहा कि श्रीराम कथा आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा दी तथा अपने आत्मिक स्वरुप को जानने व परमात्मा को पाने की ललक जगाई।
कथा व्यास ओमप्रकाश जी महाराज  ने कहा कि श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नही हैं, बल्कि मन के मैल को धोकर पवित्र  करने व श्रीराम प्राप्ति की ओर अग्रसर होने का एकमात्र  माध्यम है। उन्होंने कहा कि  भगवान का स्वभाव है कि वह पशु पक्षियों का भी सम्मान करते हैं। उनके उपकार को भी नहीं भूलते हैं। मौजूदा दौर में मनुष्य किसी भी उपकार को नहीं  मानता है।
और कथा व्यास ने  कहा कि श्रीराम पुष्पक विमान में सवार होकर तथा जानकी के साथ-साथ अंगद, हनुमान, सुग्रीव आदि को साथ लेकर भगवान ने अवध के लिए उड़ान भरी।  रामायण काल में पुष्पक विमान के दो वैज्ञानिक थे, एक भारद्वाज ऋषि दूसरे कुंभकरण। कुंभकरण के छह माह के सोने की कथा प्रतीकात्मक है। उन्होंने कहा  कुंभकरण छह माह सोता नहीं था, बल्कि  छह माह तक गुफाओं में जाकर शोध करता था। उन्होंने कहा कि पुष्पक विमान स्ट्रार्ट नहीं हुुआ तो श्रीराम ने अयोध्या लौटते समय हनुमान जी को भारद्वाज ऋषि के पास प्रयाग  भेजा। भारद्वाज ऋषि ने श्रीराम को बताया कि ब्रह्म हत्या रावण वध की जानकारी दी। उनके परामर्श पर श्रीराम ने लंका में शिव का विशाल मंदिर का निर्माण कराया। श्रीराम ने भगवान शंकर की पूजा की उसके बाद पुष्पक विमान लंका से चलकर रामेश्वरम में उतरा। 14 वर्ष से राम के लौेटने की प्रतीक्षा कर रहे केवट से मिले केवट ने अपनी पत्नी सहित पुष्पक विमान में बैठकर अवध चलने का अनुरोध किया, जिसे भगवान के अनुरोध  को स्वीकार कर लिया। अवध की तीन परिक्रमा कर विमान अवध में उतर गया। भगवान ने अपना दाहिना पैर अवध की धरती पर रखा। अयोध्या के सब नर नारी बाल, वृद्ध जयघोष करने लगे। विमान को कुबेर के पास भेज दिया। सब लाग भगवान के दर्शन करना चाहते थे, यहां भगवान ने एक कौतुक किया जितने भी अवध के नागरिक थे उतने ही रूप बनाकर प्रत्येक को दर्शन दिए।
उसके बाद
श्रीराम सेवा समिती के अध्यक्ष ने
मुख्य अतिथि पार्षद शैलजा देवी को वेद व्यास ओमप्रकाश जी महाराज के दाूरा समानित करवाया
श्रोताओं को सबसे लोकप्रिय कथा राम विवाह कथा लगा जिसमे समिति के अध्यक्ष कन्हैया झा राजा जनक की भूमिका मे था और कन्हैया झा की पत्नी सुनैना की भूमिका निभाई रही थी सीता  की भूमिका मे लख्खी कुमारी राम की भूमिका मे कन्हैया खवाड़े लक्ष्मण की भूमिका मे राहुल कुमार हनुमान की  भूमिका मे अनुरागी बाबा थे
श्रीराम विवाह मंडप को भव्य सजाया गया था  उसको बाद मटकोर हुआ
महिलाएं ने नगहर  (कलश)भरी कुमकुम देवी के नेतृत्व मे दस महिलाओं ने कलश भरी
उसके बाद शादी संपन्न हुआ
उसके राम भक्तो को भव्य भंडारा (भोजन) अमित सिह के तरफ से मिला
श्रीराम कथा का आयोजन में सहयोग देने वालों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।  आयोजन समिति के अध्यक्ष कन्हैया झा ने चकश्री मिश्र बांध आनंद नगर निवासी रवि परिहस्त बम बम बाबा काँलोनी निवासी अमृत मिश्रा को  विशेष रूप से समानित किया और कहा कि इनका विशेष सहयोग रहा।
वही श्रीराम सेवा समिती ने कथा के बाद भजन संध्या का कार्यक्रम रखा जिसमे
मनोज झा, ग्रुप के प्राची कुमारी  ,भावना कुमारी की मधुर भजन से भक्तो को मन मुग्ध कर दिया  मौके पर अध्यक्ष कन्हैया झा सचिव सुभाष सिंह, अमित सिंह, ललन पांडे, गुड्डू झा, सूरज झा, योगेन्द्र झा, कपिलदेव सिंह ,कन्हैया खवाड़े ,बदरी नारायण परिहस्त विजय परिहस्त दुर्लभ परिहस्त, जितेन्द झा, देवेन्द्र नाथ झा, दयाशंकर तिवारी, जयप्रकाश शर्मा, दुलारी झा, संजीव सिंह, अजय झा, भगवान झा, अजीत कुमार झा (डिस्को), आदि की सराहनीय भूमिका निभायी
समिती के अध्यक्ष कन्हैया झा ने कहा कि कल शोभायात्रा झाकी, हवन के बाद श्रीराम कथा का समापन होगा इसकी जानकारी मीडिया प्रभारी अमृत ने दी

0 Response to "श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नही हैं :वेद व्यास ओमप्रकाश जी महाराज"

Ads 1

TOP CONTENT

ADS 3

ADS 4