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छलावा न करे सरकार, जो भी मजदूर लौटना चाहते हैं,उनके मुफ्त लौटने की गारंटी करे-माले

छलावा न करे सरकार, जो भी मजदूर लौटना चाहते हैं,उनके मुफ्त लौटने की गारंटी करे-माले

मझौलिया प,च,


विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार

भाकपा-माले सहित सभी वाम दलों के आह्वान पर भाकपा-माले अंचल सचिव रिखी साह,निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद नेता अपने समर्थकों के साथ 5 मई को 11 से 3 बजे तक करमवा पंचायत भवन के प्रागण में धरना दिया।
भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य सह अंचल सचिव रिखी साह ने कहा कि जनांदोलनों के दवाब में केंद सरकार प्रवासी मजदूरों और छात्रों को घर भेजने पर तो सहमत हुई लेकिन अपने आधिकारिक नोटिफिकेशन में वह छलावा कर रही है. सिर्फ उन्हीं मजदूरों को वापस आने की इजाजत मिली है जो अचानक हुए लॉक डाउन के कारण देश के दूसरे हिस्से में फंस गये थे. जो पहले से वहां काम कर रहे हैं, उनको नहीं लाया जाएगा। सच्चाई यह है कि लॉक डाउन के बाद फैक्ट्री बंद हो गए और पहले से काम कर रहे मजदूर भी सड़कों पर आ गए और वे तमाम तरह की परेशानी झेल रहे हैं।

माले नेता सह निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद ने कहा कि  बिहार के 40 लाख से ज्यादा मजदूर देश के अन्य दूसरे हिस्से में काम करते हैं. आज वे बेहद नारकीय जीवन जी रहे हैं, लगातार कोरोना के संक्रमण के शिकार हो रहे हैं, इसकी चिंता सरकारों को बिल्कुल नहीं है.  कर्नाटक में उन्हें कोरोना बम कहा जा रहा है. ये मजदूर अपने राज्य लौटना चाहते हैं, आखिर सरकार उन्हें क्यों नहीं लौटने दे रही है? ऐसा लगता है कि मजदूर आदमी नहीं बल्कि पूंजीपतियों के बंधुआ हैं.

माले नेताओं ने नीतीश कुमार द्वारा आज जारी प्रवासी मजदूरों के लिए किराया देने वाले बयान को भी भ्रामक और छलावा बताया. मुख्य मंत्री ने कहा है कि दूसरे राज्यों से आने के बाद मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा और क्वारंटाइन के बाद जब मजदूर घर जाने लगेंगे उस समय ट्रेन से आने में हुआ खर्च उन्हें दिया जाएगा। मतलब, जो मजदूर अपने पैसे से बिहार लौटेंगे, उनका पैसा ही वापस होगा। जिनके पास पैसा नहीं होगा, वे कैसे लौटेंगे? आज मजदूर दूसरे राज्यों में दाने - दाने को मुंहताज हैं। उनसे किराया का पैसा जुटाने को कहना उनके साथ क्रूर मजाक है।

हमारी मांग है कि जो भी मजदूर लौटना चाहते हैं उनके लिए केंद्र सरकार पीएम केयर फंड से राशि मुहैया कराए, सेनेटाइज रेल की सुविधा प्रदान करे, 10 हजार लॉक डाउन भत्ता दे, मृतक परिवारों को 20 लाख मुआवजा दे और उनके काम की गारंटी करे.इस धरना पर प्रभु साह,नथुनी साह,बालक साह,जुग कुमार भी बैठे थे।

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