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आंदोलन धारदार और जानदार आम जन के लिए होना चाहिए न कि आन्दोलन के नाम पर चंद लोग फायदा उठा ले जैसा ए सि सि और हर्ल में देखा जाता रहा है। ...प्रशांत कुमार दुबे

आंदोलन धारदार और जानदार आम जन के लिए होना चाहिए न कि आन्दोलन के नाम पर चंद लोग फायदा उठा ले जैसा ए सि सि और हर्ल में देखा जाता रहा है। ...प्रशांत कुमार दुबे

हर्ल प्रोजेक्ट में दो साल से ज्यादा विलंब का कारण  प्रथम प्रबंधक द्वारा प्रोजेक्ट से ज्यादा अपने परम प्रिय के साथ साथ दरबार लगाने की प्रवृत्ति रही और उसी बिच कोरोनावायरस संक्रमण आ गया। अभी लोग इस फेरा में है की कुछ हल्ला हंगामा हो जाए और सारा ठिकरा उस हंगामा पर फोड़ दिया जाए।। दो तीन बार दुर्घटना के बाद गेट जाम काम बंद के बाद ऐसा क्या मिला जो बीना बन्द के प्रबंधन घोषणा नहीं कर सकती थी। सामान्यतः जो मिलता है वह मिला तो फिर प्रबंधन जानबूझकर अपने शुभचिंतकों के माध्यम से गेट जाम करवाने पर विवश किए और दिए वही जो बीना गेट जाम के दे सकते थे । प्रबंधन इतना दरियादिली दिखाता है की कभी कभी मिटिंग के लिए सभी मजदूरों को छोड़ देता है जिन मजदूरों को यह भी नहीं मालुम होता की मिटिंग किस बात के लिए है और कहीं आधा दिन का वेतन न कट जाए। हां एक केस जिसमें गेट जाम नहीं हुआ तो उसके परिवार को कुछ भी नहीं मिला वह है स्वर्गिय अमित पांडेय का परिवार। पानी की किल्लत भी उसी का अंग है ताकि किसी प्रकार हल्ला हंगामा हो और दिल्ली को खबर जाए की यहां हंगामा हो रहा है। फोटो खिचाओ नाम छपाओ मुद्दों से ध्यान भटकाओ संगठन के जुझारू सदस्य द्वारा इतने मेमोरेंडम दिए गए इतना फोटो खिंचवाए गए , पेपर मे दिए गए पर उससे सिंदरी के आम जन को हर्ल से न तो सही रोड मिला न रोजगार न हीं समय पर प्रोजेक्ट और न निर्बाध पानी बिजली मिल पाया न एक अस्पताल मिला  तो इस प्रोजेक्ट से चंद वैसे लोग लाभान्वित हुए हैं जो प्रथम प्रबंधक के दरबार के परम प्रिय सदस्य थे।* 

*हर्ल प्रबंधन को चार व्यवस्था करनी चाहिए पानी बिजली की दुरुस्त व्यवस्था, गोशाला मोड़ से  रोड़ाबांध होते हुए एफ सि आई हर्ल प्रोजेक्ट तक, रोड़ाबांध से शहरपुरा ए सि सि हनुमान मंदिर हैं ते हुए हर्ल एफ सि आई गेट तक मजबूत सड़क का निर्माण के साथ साथ एफ सि आई अस्पताल को बेहतरीन तरीके से चालु करना चाहिए जिसमें आधुनिक चिकित्सा उपकरण और बेहतरीन चिकित्सक उपलब्ध हों।

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