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बीआईटी सिंदरी एलुमनाई एसोसिएशन (बिटसा) द्वारा आयोजित वार्षिक एलुमनी मीट मैं आज इस वर्षसत्र 1972 के छात्रों के स्वर्ण जयंती एवं 1997 के छात्रों के रजत जयंती को मनाया गया।

बीआईटी सिंदरी एलुमनाई एसोसिएशन (बिटसा) द्वारा आयोजित वार्षिक एलुमनी मीट मैं आज इस वर्षसत्र 1972 के छात्रों के स्वर्ण जयंती एवं 1997 के छात्रों के रजत जयंती को मनाया गया।

सिंदरी :बीआईटी सिंदरी एलुमनाई एसोसिएशन (बिटसा) द्वारा आयोजित वार्षिक एलुमनी मीट का आज तीसरा दिन था। इस वर्ष सत्र 1972 के छात्रों के स्वर्ण जयंती एवं 1997 के छात्रों के रजत जयंती को मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ पूर्व छात्रों, बिटसा के सदस्यों और संस्थान के निदेशक द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।  कुलगीत के गायन के बाद कार्यक्रम आगे बढ़ते हुए बिटसा के सचिव श्री उपेंद्र प्रसाद शाह ने अपना वक्तव्य पेश किया। उन्होंने हाल ही में निर्मित कैरियर विकास केंद्र सहित परिसर में हाल के बुनियादी ढांचे के विकास की सराहना की। उन्होंने अधिसूचित किया कि बीआईटी के लिए उत्कृष्टता केंद्र का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने बीआईटी के छात्रों की उपलब्धियों की प्रशंसा की और अल्माकनेक्ट जैसे स्टार्टअप की सराहना की। अपने भाषण में उन्होंने निकट भविष्य में प्राप्त किए जाने वाले बिटसा के विजन और मिशन को रखा। उन्होंने पूर्व छात्रों से अपनी मातृ संस्थान के प्रति अपना निरंतर समर्थन बनाए रखने और सशक्त करने का भी आग्रह किया। 


इसके पश्चात बाद डीन एलुमनाई अफेयर्स श्री प्रकाश ने अपने भाषण में पिछले कुछ वर्षों में बीआईटी सिंदरी की कई उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नगण्य धन प्राप्त करने वाला संस्थान होने के बावजूद बीआईटी बहुत कुछ हासिल करने में सक्षम है।  उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के लिए समान रूप से समर्थन का एक निरंतर स्तंभ होने के लिए 'बिटसाना' के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने केपीएस फाउंडेशन की उनके नेक कार्यों के लिए भी सराहना की, जिसमें वंचितों को छात्रवृत्ति भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनना बीआईटी का लक्ष्य है।


अमित रॉय ने अपने भाषण में दो वर्षों की महामारी के बाद एक भव्य कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी को बधाई दिया। उन्होंने बीआईटी में लगातार हो रहे सकारात्मक बदलाव के लिए निदेशक डॉ डी. के. सिंह एवं टैप सेल के प्रमुख डॉ. घनश्याम की तारीफ की। उन्होंने श्री पवन ओझा द्वारा वंचित छात्राओं को दिये गए छात्रवृत्ति की भी सराहना की। 


इसके बाद बिटसा के कोषाध्यक्ष श्री राजेंद्र मुर्मू ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने बिटसा का विस्तृत वित्तीय विवरण दिया। उन्होंने सभी सदस्यों को उनके उदार दान के लिए धन्यवाद दिया और उस पैसे से किए जा रहे अच्छे कामों को गिनाया। उन्होंने और अधिक पूर्व छात्रों से संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए आगे आने का आग्रह किया।


इसके पश्चात संस्थान के निदेशक डॉ० डी. के. सिंह ने अपने भाषण से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्थान में बिताए उनके दिनों की याद दिलाई और एलुमनी की जिम्मेदारियों से भी परिचित करवाया। निदेशक महोदय ने इस सफल कार्यक्रम के लिए बिटसा के सचिव श्री उमेश प्रशाद शाह के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और आशा किया कि हर वर्ष बीआईटी और ऊँचे मुकाम पर हो जब पूर्व छात्र अपने संस्थान में आएं। अंत में डीन स्टूडेंट वेलफेयर कम बिटसा के सह-अध्यक्ष प्रोफेसर उपेंद्र प्रसाद ने वक्ताओं और पूर्व छात्रों को अपना समय समर्पित करने और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। बीआईटी सिंदरी के आर्ट्स क्लब द्वारा एक मधुर प्रदर्शन का सभी ने लुत्फ उठाया। इसके अलावा, अनंत प्रयास संगठन द्वारा ज़रूरतमंद छात्रों को लैपटॉप वितरित किया गया।  सभी पूर्व छात्रों और छात्रसेवकों को धन्यवाद के प्रतीक के रूप में एक मोमेंटो से सम्मानित किया गया।

यह जानकारी संस्थान के प्रतिनिधि पत्रिका 'सर्जना' के द्वारा दी जा रही है।

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