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बी.आई.टी. सिंदरी मे २२वे झारखंड स्थापना दिवस मनाया गया।  र्डॉ आर के वर्मा ने बिरसा मुंडा जी को आज़ादी के अकीर्तित नायक बताया और उनके संघर्ष की व्याख्या की।

बी.आई.टी. सिंदरी मे २२वे झारखंड स्थापना दिवस मनाया गया। र्डॉ आर के वर्मा ने बिरसा मुंडा जी को आज़ादी के अकीर्तित नायक बताया और उनके संघर्ष की व्याख्या की।

रवि फिलिप्स  (ब्यूरो चीफ धनबाद)

Sindri:बी.आई.टी. सिंदरी में आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम का आज छट्ठा दिन रहा। इंडक्शन प्रोग्राम के छट्ठे दिन बी.आई.टी. सिंदरी मे २२वे झारखंड स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन प्रोफ़ेसर डॉ आर के वर्मा की निगरानी मे बी.आई.टी. कल्चरल सोसाइटी द्वारा किया। सर्वप्रथम सभा का अभिवादन करते हुए डॉ आर के वर्मा ने बिरसा मुंडा जी को आज़ादी के अकीर्तित नायक बताया और उनके संघर्ष की व्याख्या की। उन्होंने झारखण्ड की खनिज संपदा होते हुए भी उतना विकास ना होने को कुछ यूं व्यक्त किया कि " मरना सभी को है पर मारता कोई नहीं, खाना सभी को है पर खाता कोई नहीं।" 

उनके पाश्चात सभा को बिरसा मुंडा जी के २५ गौरव साल का वर्णन करते हुआ धात्विकी अभियंत्रण के प्रमुख डॉ. बी. एन. राय ने बताया कि कैसे बिरसा मुंडा जी ने समाज की बुराइयों का दहन करते हुए अँग्रेजी शासन के खिलाफ आम लोगों मे एक नयी ऊर्जा भरी। तत्पश्चात प्रोफ़ेसर अजय ओराओं ने सभा के समक्ष बी.आई.टी. कल्चरल सोसाइटी की सराहना की कि उन्होंने झारखंड स्थापना दिवस पर ऐसे भावपूर्ण और रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया। 

तत्पश्चात भगवान  बिरसा मुंडा के अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष को दिखाते हुए एक नाटक पेश किया गया। सभी सभा मे आए हुए छात्रः उनके व्यक्तित्व की सराहना करते नहीं रुकते। 

कार्यक्रम के अगले सत्र मे सभागार अभिषेक पूर्ति और शशांक पूर्ति द्वारा कार्यक्रम आगे बढ़ाया गया। बच्चों मे उत्साह का साचार करने के लिए झारखंड और आदिवासी गौरव इतिहास से प्रश्न पूछे गए। सभा मे इसके प्रति अति उत्साह था। इसके बाद झारखंड लोक गीत पर नृत्य करते स्तर २०२० के छात्रों नहीं सभी का मन अपने प्रस्तुति से मोह लिया। 


इसके पश्चात सभागारों ने यह बताते हुए कि "जीवन एक गीत है और हमारे विचार उसके धुन है" मंच पर बी. सी. एस के सदस्यों को आमंत्रित किया जिन्होंने एक मधुर लोक गीत प्रस्तुत किया जिससे सभी मंत्रमुग्ध हो गए। तत्पश्चात मंच मे डायरेक्टर डॉ. डी. के. सिंह को सादर आमंत्रित किया गया। उन्होंने बिरसा मुंडा जयंती पर सभी छात्रों का जौहर बोलकर अभिवादन किया। उन्होंने बताया कि हमारे पास अनेकों संभावनाएं है और यदि हम साथ लेते है आपने राष्ट्र को स्वच्छ, सुंदर और सफल बनाने का तो झारखंड की प्रगति नए आसमान छुएगी। बी.आई.टी. कल्चरल सोसाइटी जीवनशैली, अध्यात्म, और झारखंड संस्कृति का सार है। हमे अपने जीवन मे पढ़ाई के साथ साथ संस्कृति को भी साथ लेके चलना चाहिए। डायरेक्टर सर के विचारों ने सभी के अंदर एक ऊर्जा का विस्तार किया है। 

अंततः बी.आई.टी. कल्चरल सोसाइटी ने वीडियो के मध्यम से अपनी कार्यक्रमों के बारे मे जानकारी दी और सभा का समापन एक मधुर लोक गीत के साथ हुआ।

यह जानकारी संस्थान की प्रतिनिधि पत्रिका 'सर्जना' के द्वारा दी जा रही है।

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