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सांप्रदायिकता का मुकाबला कर हीं शहीदों का सपना साकार किया जा सकता है: डीवाईएफआई

सांप्रदायिकता का मुकाबला कर हीं शहीदों का सपना साकार किया जा सकता है: डीवाईएफआई

सिंदरी 19 दिसंबर,

 काकोरी काण्ड के शहीद अस्फाक उल्ला खान, ठाकुर रौशन सिंह और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की 95 वा शहादत दिवस पर भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) सिंदरी नगर कमिटी की ओर से गौशाला में श्रद्धांजलि दी गई।

वक्ताओं ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन काल में काकोरी काण्ड से ब्रिटिश हुकूमत काफी घबरा गई थी और इस कांड के अभियुक्त को आज के दिन हीं फांसी दे दी गई थी, आजादी के दीवानों ने जिन मूल्यों के प्रति अपना सर्वस्व जीवन समर्पित कर दिया, उन मूल्यों को आज का शासक वर्ग भुला गई है। हमें क्रांतिकारियों के सपनो को साकार करने के लिए साम्प्रदायिकता, बेरोजगारी, क्षेत्रवाद और आर्थिक असमानता के खिलाफ संघर्ष करना होगा तभी हम क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगे।

विचार गोष्ठी की अध्यक्षता डी वाई एफ आई के नगर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने किया तथा विचार गोष्ठी को लेखक संघ के स्वामीनाथ पांडेय, मार्क्सवादी चिंतक काली सेन गुप्ता, अस्मित न्याय मंच के संयोजक विकास कुमार ठाकुर, डी वाई एफ आई के नगर सचिव मो. शमीम, मन्नू गिरी, सुबल चंद्र दास, सोनू रवानी, शिबू राय आदि ने संबोधित किया।

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