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इलाज के लिए भटक रहे मरीज:संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से बदहाल हुई स्वास्थ्य सेवाएं

इलाज के लिए भटक रहे मरीज:संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से बदहाल हुई स्वास्थ्य सेवाएं

आदर्श ठाकरे
ब्यूरो चीफ, बालाघाट 

इलाज के लिए भटक रहे मरीज:
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से बदहाल हुई स्वास्थ्य सेवाएं, कई केंद्रों पर लटका है ताला

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिले भर में स्वास्थ्य सेवा बदहाल हो गई हैं। दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज कराने के लिए रोगी भटकते रहे, लेकिन उनका इलाज नहीं हो पाया। पिछले चार दिनों से जिले भर के करीब आठ सैकड़ा से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। रोगियों के परिजनों का कहना रहा कि दूर-दराज के स्वास्थ्य केंद्रों में स्थिति पूरी तरह से बद्तर हो गईं हैं।
केंद्रों में है सन्नाटा :

कई केंद्र तो ऐसे है, जहां पर इलाज करने वाला कोई नहीं हैं और केंद्रों पर ताले जड़े हुए हैं। इधर जिले के तहसील व ग्रामीण अंचलों में भी स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं। एक साथ आठ सैकड़ा से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के मौजूद नहीं रहने के कारण रोगियों को उपचार कराने के लिए बेहद ही मानसिक एवं आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं।

कैसे कराए उपचार :

इधर ग्रामीण अंचलो में हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने के लिए कारण पिछले चार दिनों से उपचार कराने के लिए रोगी भटक रहे हैं। उनका कहना है कि मौसम में आए बदलाव की वजह से सर्दी खांसी के साथ ही स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा हैं, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने के कारण वे उपचार कराने से वंचित हो रहे है।


मिलों का सफर तय कर पहुंच रहे मुख्यालय

सर्दी, खांसी, बुखार के साथ ही अन्य बीमारियों का उपचार को लेकर ग्रामीण जन मिलो का सफर तय कर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। नगर के अधिकतर निजी अस्पतालों में रोगियों की भीड़ देखने को मिल रही हैं। रविवार को जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रहने के कारण रोगियों को निजी नर्सिंग होम की ओर ही रुख करना पड़ा।

करीब 250 उपस्वास्थ्य केंद्रों पर असर :

जानकारी के अनुसार हड़ताल में 831 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं। ऐसी स्थिति में करीब 250 उप स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार नहीं हो पा रहा हैं। हड़ताल में शामिल संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना रहा कि वर्ष 2018 की नीति को लागू करने, समस्त संविदा कर्मचारियों को तत्काल नियमित किए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

ये सेवाएं प्रभावित

हड़ताल की वजह से राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम अंतर्गत स्कूल के 5 से 18 साल तक के सभी बच्चों की जांच, पहचान, रेफर का कमा, टीबी रोग की जांच परीक्षण, दवा वितरण का कार्य, एएनएम के टीकाकरण, मैदानी क्षेत्र के भ्रमण का कार्य, पैथोलॉजी जांच सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

वहीं टेली कंसल्टेशन, नवजात शिशुओं की देखभाल, बीपी, शुगर के मरीजों की जांच, दवा वितरण, वृद्वजनों की देखभाल, नाक कान गले की जांच, टीबी के मरीजों की जांच, निक्षय आइडी बनाना, एनसीडी पोर्टल पर कार्य, अनमोल एप पर कार्य, किशोर बालक-बालिकाओं की जांच, मलेरिया रक्त जांच, टाइफाइड जांच सहित अन्य महत्वपूर्ण जांच प्रभावित हो रही हैं।

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