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एफसीआईएल के जमीन पर दामोदर नदी के किनारे पुराने श्मशान घाट का सौंदर्यकरण एवं नवीनीकरण किया जा रहा है।पारदर्शिता एवं अन्य गुणवत्ता  जानने के लिए विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचता है जिसका फायदा कंपनी  को हो रहा है।

एफसीआईएल के जमीन पर दामोदर नदी के किनारे पुराने श्मशान घाट का सौंदर्यकरण एवं नवीनीकरण किया जा रहा है।पारदर्शिता एवं अन्य गुणवत्ता जानने के लिए विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचता है जिसका फायदा कंपनी को हो रहा है।

धनबाद। सिंदरी विधानसभा के एफसीआईएल के पुराने श्मशान घाट को भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके आधुनिक श्मशान घाट में बदला जा रहा है. करोड़ों की लागत से बन रहे श्मशान घाट के निर्माण में भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही है. निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। नगर विकास के जीर्णोद्धार के तहत जूड़ाकारों द्वारा श्मशान घाट का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका टेंडर गुप्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी रांची को प्राप्त हो गया है. जिसमें फर्दिश कक्ष, हाल सहित गैस आधारित श्मशान घाट का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण में बराकर दामोदर नदी की बालू लगाने के स्थान पर बगल की नदी से ही घटिया मिट्टी युक्त बालू का चोरी-छिपे उपयोग किया जा रहा है, जिसमें कंकड़-पत्थर भरे हुए हैं। यह रेत न तो सरकार को बेची जाती है और न ही इससे सरकार को रायल्टी मिलती है। पहले इस रेत का उपयोग कोयला निकालने के बाद भूमिगत बीसीसीएल खनन की रिफिलिंग के लिए ही किया जाता था। 

साथ ही जो घटिया ईंटें प्रयोग में लाई जा रही हैं उनमें कंपनी का नाम नहीं लिखा है। बन रहे श्मशान घाट की पारदर्शिता व अन्य गुणवत्ता को जानने के लिए विभाग का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचता है, जिससे कंपनी को फायदा हो रहा है.

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