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फिर टाइगर स्टेट बन सकता है MP:

फिर टाइगर स्टेट बन सकता है MP:

राकेश बिसेन
लालबर्रा


सेंट्रल इंडिया में बढ़े टाइगर जबकि वेस्टर्न घाट में हुए कम

देश में प्रति चार वर्षों में होने वाली टाइगर गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद मध्यप्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने की प्रबल संभावना नजर आ रही है। 
यह अनुमान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मैसूर में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूर्ण होने पर जारी की गई देश भर में टाइगर की संख्या और स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर लगाए जा रहे हैं।


2018 की गणना में मध्यप्रदेश 526 बाघों के साथ टाइगर स्टेट का खिताब हासिल करने में कामयाब रहा था। लेकिन कर्नाटक भी ज्यादा पीछे नहीं था, वहां टाइगर की संख्या 524 दर्ज की गई थी। वर्तमान में भी टाइगर स्टेट के लिए मध्यप्रदेश और कर्नाटक ही मुख्य दावेदार हैं।

गणना के आंकड़ों के साथ जारी हुई टाइगर स्टैटस रिपोर्ट में सेंट्रल इंडिया में टाइगर की संख्या में वृद्धि और वेस्टर्न घाट में टाइगर की संख्या में आई कमी की बात कही गई है जो कि मध्यप्रदेश को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा बरकरार रहने के प्रमुख संकेत है।

सेंट्रल इंडिया में टाइगर बढ़े :

टाइगर का आवास क्षेत्र एक बड़े भौगोलिक विस्तार में होता है। इनकी जैव भूगोल और आपसी जुड़ाव के आधार पर भारत को 5 भूपरिदृश्य (लैंडस्कैप) में वर्गीकृत किया गया है। मध्यप्रदेश, सेंट्रल इंडिया एंड ईस्टर्न घाट लैंडस्केप के अंतर्गत आता है और कर्नाटक वेस्टर्न घाट लैंडस्केप के अंतर्गत।

वर्तमान में भूपरिदृश्य (लैंडस्कैप) वार जारी किए गए टाइगर के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार सेंट्रल इंडिया एंड ईस्टर्न घाट लैंडस्केप में 2018 के मुकाबले टाइगर की संख्या में 128 की वृद्धि दर्ज हुई है। यहां टाइगर की संख्या बढ़कर 1161 हो गई है। वहीं वेस्टर्न घाट लैंडस्केप में 2018 के मुकाबले 124 की गिरावट दर्ज हुई है। 2018 में 981 टाइगर के मुकाबले वर्तमान में वेस्टर्न घाट लैंडस्केप में टाइगर की संख्या 824 बताई गई है।


कर्नाटक में टाइगर घटने के संकेत :

टाइगर स्टैटस रिपोर्ट में कर्नाटक के संरक्षित क्षेत्र बांदीपुर और नागरहोले में टाइगर की संख्या में वृद्धि की बात कही गई है लेकिन संरक्षित क्षेत्र के बाहर टाइगर ऑक्युपन्सी में कमी का अनुमान है। बीआरटी हिल्स में भी कमी का अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि अंशी डंडेली लेंडस्केप में वृद्धि के संकेत हैं जबकि गोवा और कर्नाटक के सीमक्षेत्र में कमी की संभावना जताई गई है।
 भद्रा में यथा स्थिति की बात कही जा रही है। रिपोर्ट को कुल मिलकर देखा जाए तो कर्नाटक सहित वेस्टर्न घाट लैंडस्केप में टाइगर ऑक्युपन्सी में कमी का अनुमान है जो कि टाइगर की संख्या में कमी का संकेत है।वेस्टर्न घाट लैंडस्केप के संरक्षित क्षेत्र की आपसी कनेक्टिविटी भारत में सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसे में टाइगर का भ्रमण क्षेत्र बहुत बढ़ जाता है और अपने टेरेट्री की तलाश में टाइगर का अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र से बाहर निकल जाना आसान है।

मध्यप्रदेश के नए क्षेत्रों में टाइगर की मौजूदगी टाइगर की गणना में सेंट्रल इंडिया एंड ईस्टर्न घाट लैंडस्केप के अंतर्गत आने वाले राज्यों मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के नए क्षेत्रों में टाइगर की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। वहीं झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना में टाइगर ऑक्युपन्सी में कमी के बावजूद सेंट्रल इंडिया एंड ईस्टर्न घाट लैंडस्केप में टाइगर की संख्या में वृद्धि हुई है। जिससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि यह वृद्धि इस क्षेत्र के शेष राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में ही हुई होगी।

कान्हा में टाइगर की संख्या में बड़ा उछाल :

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 9 अप्रैल को मैसूर में देश में टाइगर की संख्या जारी की थी। जिसके अनुसार अब देश में 3167 टाइगर हैं। जबकि 2018 में हुई गणना में देश 2967 टाइगर थे, इस प्रकार इन चार वर्षों के दौरान देश भर में करीब 200 टाइगर बढे हैं। वहीं यदि मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व की बात करें तो यहां 2018 में करीब 83 वयस्क टाइगर थे जो कि अब बढ़ कर 105-106 हो गए हैं।
 इस प्रकार देखा जाए तो 2018 से 2022 के दौरान जहां देश भर में 6.74 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है तो वहीं कान्हा टाइगर रिजर्व में इसी दौरान टाइगर कि संख्या में करीब 26.50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

गणना की अंतिम रिपोर्ट जुलाई तक आने की संभावना :

हालाँकि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में टाइगर गणना के जो आंकड़े जारी किए गए हैं वह अनुमानित न्यूनतम संख्या है, जो कि टाइगर की गणना के लिए विशेष तौर पर लगाए गए कैमरों में कैप्चर हुए टाइगर की संख्या (3080) पर आधारित है। 2022 में हुई अखिल भारतीय बाघ गणना की अंतिम रिपोर्ट टाइगर डे पर 29 जुलाई तक आने की संभावना जताई जा रही है। अंतिम गणना रिपोर्ट के बाद ही हमें पता चल सकेगा कि किस राज्य में और टाइगर रिजर्व में कितने टाइगर हैं।

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