लापरवाही से खराब हुई धान, करीब 13 करोड़ का नुकसान
शनिवार, 25 नवंबर 2023
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आदर्श ठाकरे, ब्यूरो चीफ
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समर्थन मूल्य पर खरीदे गए अनाज के भंडारण व रख-रखाव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही से करीब 13 करोड़ रुपए का अनाज खराब हो गया है। जिससे शासन को नुकसान हुआ है।
स्टेट वेयर हाउसिंग लाजिस्टिक कार्पोरेशन की अनुसंशा पर जिला प्रबंधक रमेश पटले की शिकायत पर वारासिवनी पुलिस ने गो ग्रीन नामक कंपनी के डायरेक्टर सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
जानकारी के अनुसार जिला प्रबंधक रमेश पटले की शिकायत पर वारासिवनी थाना पुलिस ने धान भंडारण केन्द्र खापा पर भंडारित धान स्कंध को क्षतिग्रस्त करने के मामले में धारा 406, 409, 34 भादंवि के तहत अपराध दर्ज किया है।
इस मामले में मेसर्स गो ग्रीन वेयरहाउस प्रायवेट लिमिटेड के कंपनी के डायरेक्टर संतोष साहू, स्टेट हेड सौरभ मालवीय और कंपनी के एडवाइजर अखिलेश बिसेन सहित अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वेयर हाउसिंग लिमिटेड कंपनी ने वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के भंडारण के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया था।
यह अनुबंध अहमदाबाद की गो ग्रीन नामक कंपनी से किया गया था। कंपनी ने डोंगरिया, खापा, भेंडारा, चिकमारा, मोहाड़ी, वारा, पालडोंगरी, नंदलेसरा में स्थित ओपन कैप में धान का भंडारण किया था।
ओपन कैपों में 6632.48 टन धान की कमी पाई गई। जो करीब 12.886 करोड़ रुपए की बताई गई है। वहीं रख-रखाव में लापरवाही से करीब 39.898 टन धान खराब हुई है। यह धान खुले में भंडारित की गई थी। विभाग ने करीब 13 करोड़ रुपए के नुकसान के लिए संबंधित कंपनी को जिम्मेदार माना था।
इसकी वसूली के लिए कार्रवाई भी प्रस्तावित की थी। लेकिन संबंधित कंपनी ने नुकसान की भरपाई में कोताही बरती। जिसके चलते मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग लॉजिस्टिक एंड कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक ने इस मामले सख्ती बरती। जिसके बाद जिला प्रबंधक ने इस मामले की शिकायत वारासिवनी थाने में दर्ज कराई है।
गेहूं भी हुआ खराब:
जिला प्रबंधक के अनुसार अहमदाबाद की इस कंपनी की लापरवाही गेहूं की सुरक्षा व रख-रखाव में भी सामने आई है। गर्रा, डोंगरिया स्थित ओपन कैप में 39700 बोरी गेहूं वर्षा व खुले में रहने के कारण खराब हो चुका है। इस गेहूं को अब सरकारी वेयरहाउस के हैंडओवर करने की कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के अनुसारए रबी सीजन 2020-21 में समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद 39900 बोरी गेहूं गर्रा, डोंगरिया ओपन कैप में गो ग्रीन कंपनी की देखरेख में रखा गया था। जिसमें से सिर्फ 200 बोरा गेहूं का ही उठाव हो सका। शेष 39700 बोरियां ओपन कैप में ही रखी है, जो पूरी तरह सड़ चुकी है। गेहूं के खराब होने से शासन को करीब 3.97 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
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