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हजारीबाग के नामवर शख्स गुलाम मोइनुद्दीन अहमद का हुआ इंतकाल, आखिरी दीदार को पहुंचे हजारीबाग विधायक

हजारीबाग के नामवर शख्स गुलाम मोइनुद्दीन अहमद का हुआ इंतकाल, आखिरी दीदार को पहुंचे हजारीबाग विधायक

आकस्मिक निधन पर जताया गहरा शोक, कहा मेरे पिता जी के थे अभिन्न मित्र, एक अभिभावक के रूप में हमेशा मिलता रहा है उनका मार्गदर्शन*
भानुमित्र संवाददाता।

हजारीबाग के नामवर शख्स गुलाम मोइनुद्दीन अहमद का बुधवार की पूर्व रात्रि को जामा मस्जिद रोड़ स्थित आवासीय परिसर में इंतकाल हो गया। वह क़रीब 84 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत नासाज चल रही थी और घर पर ही इलाज़ के साथ रहते थे। बुधवार को खिरगांव स्थित कब्रिस्तान में जनाजे की नमाज के साथ उन्हें सुपूर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। गुलाम मोइनुद्दीन अहमद के इंतकाल की ख़बर सुनते ही उनके आखिरी दीदार के लिए बड़ी तादाद में लोग उनके घर पहुंचने लगे। हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल भी उनके इंतकाल की खबर सुनकर उनके आखिरी दीदार को उनके घर पहुंचें और ईश्वर से उनके आत्मा की शांति की कामना की साथ ही उनके शोकाकुल परिजनों से मिलकर उनका ढांढस बंधाया और मृतक के अंतिम यात्रा में बारिश के बीच शामिल हुए।

विधायक मनीष जायसवाल ने नामवर शख्स गुलाम मोइनुद्दीन अहमद के इंतकाल पर गहरा शोक जताते हुए बताया की मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। विधायक श्री जायसवाल ने बताया की वे मेरे पिता ब्रजकिशोर जायसवाल के करीबी मित्र थे और उनके साथ तीन बार हजारीबाग नगरपालिका के उपाध्यक्ष रहें। बतौर अभिभावक के रूप में उनका मार्गदर्शन हमेशा मिला है। उन्होंने यह भी बताया की गुलाम मोइनुद्दीन अहमद हजारीबाग के लोगों के दर्द को अपना समझते थे और बढ़-चढ़कर लोगों की खिदमत करते थे। जरूरतमंदों के हमदर्द बनकर हमेशा सेवारत रहते थे। वे झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य, हज कमिटी के सदस्य, ओल्ड एज होम के प्रभारी, रेड क्रॉस के प्रभारी, हजारीबाग अंजुमन इस्लामिया के सरपरस्त, रहमत-ए-आलम ट्रस्ट के अध्यक्ष, इदारे शरिया झारखंड के उपाध्यक्ष सहित कई प्रमुख दायित्वों का निर्वहन करते रहें हैं। विधायक मनीष जायसवाल ने यह भी बताया की गुलाम मोइनुद्दीन अहमद का इंतकाल समाज, हजारीबाग और मेरे लिए अपूरणीय क्षति है। गुलाम मोइनुद्दीन अहमद अपने पीछे तीन पुत्र और एक पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए। उनके बड़े बेटे सरफराज अहमद बिल्डर हैं और कई प्रकार के व्यवसाय रांची और हजारीबाग क्षेत्र में करते हैं। दुसरे बेटे मो.सहाबुद्दीन पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहकर व्यवसाय करते हैं वहीं तीसरे बेटे इरफ़ान अहमद उर्फ़ काजू सामाजिक कार्यकर्ता हैं और हजारीबाग में ही रहकर खुद का व्यवसाई करते हैं ।

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