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बीआईटी सिंदरी में तीन दिवसीय प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

बीआईटी सिंदरी में तीन दिवसीय प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम की शुरुआत हुई।




रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
सिंदरी:बीआईटी सिंदरी में आयोजित त्री दिवसीय प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम के प्रथम दिवस का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संस्थान की ओर से मुख्यत: निदेशक डॉ. पंकज राय, सीडीसी अध्यक्ष डॉ. घनश्याम, डॉ. प्रकाश कुमार(संयोजक एवं डीन एल्यूमिनी) , संस्थान में कार्यरत प्राध्यापक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, अध्यनरत छात्र, पूर्ववर्ती छात्र एवं मीडिया कर्मी उपस्थित थे। तत्पश्चात संस्थान के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना एवं कुलगीत प्रस्तुत किया गया। ईस कार्यक्रम के अंतर्गत हो रहे पैनल डिस्कशन का शुभारंभ संस्थान के निदेशक पंकज राय के उद्बोधन के साथ हुआ जिसमें उन्होंने इसके महत्व एवं विशेषता के विषय में बताया। मुख्य अतिथि के रूप में राजकुमार चौधरी (सीएमडी,एनएचपीसी) उपस्थिति थे, उन्होंने संस्थान के 75 वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए सभी को शुभकामनाएं देते हुए यथासंभव सहयोग करने की बात कही। 


इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में प्रगति पर हो रहे अंतर्राष्ट्रीय पैनल डिस्कशन के अंतर्गत 
“सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड इंडिया‘स एनर्जी ट्रांजीशन” के उपर चर्चा हुई जिसकी अध्यक्षता प्रो. एच.आर.पी. यादव (अमेठी यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम) ने की। नवीकरणीय और सतत ऊर्जा के विकास पर अपना विचार रखने के लिए पैनल के रूप में राजकुमार चौधरी (सीएमडी, एनएचपीसी), एशएन त्रिपाठी (एनटीपीसी), श्री रवि (महानिदेशक,ओएनजीसी ग्रीन), डॉ. हरिनारायण तिवारी (संस्थापक,फ्लडकोन प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा), शशांक शेखर गरुरियार (अध्यक्ष, साइबर विद्यापीठ) उपस्थित थे। प्रो. एचआरपी यादव ने नवीकरणीय एवं सतत ऊर्जा के संबंध में पैनल के सदस्यों से प्रश्न पूछा, जिसका उत्तर देते हुए शशांक ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के लिए हम सौर ऊर्जा, और जल से प्राप्त होने वाले ऊर्जा का प्रयोग वृहत पैमाने पर कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि हमारी ऊर्जा की मांग बहुत ही ज्यादा है, इसे पूर्ण रूप से नवीकरणीय बनाने के लिए धीरे-धीरे प्रयत्न करना होगा। उन्होंने बताया कि हमने 300 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने में सफलता प्राप्त कर ली है। सभी पैनलिस्टों ने एक मत होकर पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नवीकरणीय एवं सतत ऊर्जा के पक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किया, जिसमें मुख्यतः सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक का प्रयोग कर ऊर्जा के मांग को पूर्ति करने की बात कही।


दूसरा डिस्कशन “माइनिंग इंडस्ट्री का डिजिटलीकरण और एआई का उपयोग” जिसकी अध्यक्षता एस.सी सुमन (डायरेक्टर ( टेक्निकल), एन एल सी) ने किया। चर्चा में पैनल के रूप में श्री कल्याणजी प्रसाद (जनरल मैनेजर, सीसीएल), चितरंजन कुमार ( एडिशनल जनरल मैनेजर, बीसीसीएल), प्र. अभिराम कुमार वर्मा (प्रोफेसर, आईआईटी खरगपुर), बिनोद कुमार (डब्ल्यू सी एल), संजय कुमार रॉय (सीआईएमएफआरधनबाद), डॉ. एमपी रॉय (प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सीआईएमएफआर धनबाद ) उपस्थित थे। सुमन ने माइनिंग इंडस्टरीज, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और उसकी महत्व के बारे में अवगत कराया। उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुए चितरंजन ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा खनन क्षेत्र में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा दिया जा सकता है। सभी पैनलिस्टों ने माइनिंग क्षेत्र में दक्षता और स्थिरता प्राप्त करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने पर बल दिया।
 

“साइबर सिक्योरिटी चुनौतियां एवं उसके समाधान” के ऊपर हो रहे पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता शशांक शेखर गौरियार (डायरेक्टर साइबर विद्यापीठ) ने की, एवं सह अध्यक्षता बालकृष्ण बरनवाल (एक्स टीसीएस) ने की। साइबर सिक्योरिटी के विषय में जानकारी प्रस्तुत करते हुए शशांक ने इस कार्यक्रम का आरंभ किया। बालकृष्ण बरनवाल ने बताया कि बढ़ते साइबर हमलों के कारण संगठनों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने साइबर सुरक्षा जागरूकता, भारतीय कंपनियों की तैयारी, और सरकार-निजी भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा न केवल तकनीकी, बल्कि रणनीतिक प्राथमिकता है। चर्चा के अंत में, उन्होंने युवाओं को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

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