-->
बीआईटी सिंदरी में आयोजित कार्यशाला “अनुसंधान में रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस का अनुप्रयोग” के पांचवें दिन व्याख्यान श्रृंखला एवं प्रश्नावली का आयोजन किया गया।

बीआईटी सिंदरी में आयोजित कार्यशाला “अनुसंधान में रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस का अनुप्रयोग” के पांचवें दिन व्याख्यान श्रृंखला एवं प्रश्नावली का आयोजन किया गया।


रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
सिंदरी:बी० आई० टी० सिन्द्री के असैनिक अभियंत्रण विभाग में चल रहे झारखंड विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार परिषद, राँची द्वारा प्रायोजित पाँच दिवसीय कार्यशाला “रिमोट सेंसिंग और जीआईएस का अनुसंधान में अनुप्रयोग” के पाँचवे दिन दिनांक 13/12/2024 को लेक्चर सीरीज एवं प्रशिक्षण सत्र के साथ हुआ। इस दिन पहले सत्र में रिसोर्स पर्सन के रूप में बी०आई०टी० मेसरा के प्रो०(डॉ०) ए० पी० कृष्णा उपस्थित रहे।

सत्र की शुरुआत में कार्यशाला के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ० जीतू कुजूर ने डॉ० कृष्णा को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला विशेष रूप से शोधार्थियों और छात्रों के लिए अपने कौशल को उन्नत करने और रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीकों के व्यावहारिक उपयोग को समझने का सुनहरा अवसर है।

डॉ० कृष्णा ने अपने व्याख्यान में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस की आधुनिक तकनीकों जैसे मल्टीस्पेक्ट्रल और हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग, ड्रोन-आधारित डेटा संग्रहण, LiDAR और SAR की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। 
सत्र के पहले चरण की समाप्ति पर बी०आई०टी० सिन्द्री के असैनिक अभियंत्रण विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ० ब्रह्मदेव यादव ने धन्यवाद ज्ञापन किया और डॉ० कृष्णा के ज्ञानवर्धक व्याख्यान की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सत्र सभी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी रहा और यह निश्चित रूप से उनके शोध कार्य और व्यावसायिक दक्षता को नई ऊंचाई देगा।
इसी क्रम में उन्होंने इन तकनीकों के अनुप्रयोगों को पर्यावरण निगरानी, शहरी नियोजन, और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में समझाया और चंद्रयान मिशन पर हो रहे अनुसंधान पर प्रकाश डाला। 
कार्यक्रम के दूसरे चरण के बाद डॉ० कृष्णा को संयोजक डॉ० कुजूर द्वारा मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया।

दूसरे सत्र में रिसोर्स पर्सन के रूप में बी०आई०टी० सिन्द्री की सहायक प्राध्यापक डॉ० कोमल कुमारी ने प्रायोगिक प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया। उन्होंने जीआईएस, रिमोट सेंसिंग और जल संसाधन प्रबंधन पर प्रतिभागियों को प्रायोगिक ज्ञान प्रदान किया। इस सत्र में रिमोट सेंसिंग से उपग्रह डेटा का संग्रहण और जीआईएस के माध्यम से उस डेटा का विश्लेषण करके मानचित्र तैयार करने के तरीके सिखाए गए। प्रतिभागियों ने जल संसाधनों की निगरानी और प्रबंधन में इन तकनीकों के उपयोग को समझा, जिससे वे क्षेत्रीय समस्याओं को हल करने के लिए तैयार हो सकें।
एक्सपर्ट लेक्चर सीरीज की समाप्ति के बाद कार्यशाला के सह समन्वयक प्रो० इकबाल शेख ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए, सभी प्रतिभागियों की निरंतर उत्साह एवं जोश की सराहना की।

इस सत्र में बी०आई०टी० सिन्द्री के शिक्षक, शोधार्थी और अन्य संस्थानों के प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

 कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो० (डॉ०) उदय कुमार सिंह, प्रो० प्रफुल्ल कुमार शर्मा, डॉ० माया राजनरायन रे, डॉ० निशिकांत किस्कु, प्रो० सरोज मीणा एवं प्रो० प्रशांत रंजन मालवीय का विशेष योगदान रहा।

0 Response to "बीआईटी सिंदरी में आयोजित कार्यशाला “अनुसंधान में रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस का अनुप्रयोग” के पांचवें दिन व्याख्यान श्रृंखला एवं प्रश्नावली का आयोजन किया गया।"

Ads 1

TOP CONTENT

ADS 3

ADS 4