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भारतीय मजदूर संघ का शून्य से शिखर का सफर,संघ के कार्यकर्ताओं का निस्वार्थ भाव से कार्य करने का फल है:रामधारी

भारतीय मजदूर संघ का शून्य से शिखर का सफर,संघ के कार्यकर्ताओं का निस्वार्थ भाव से कार्य करने का फल है:रामधारी


 
रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद) भानुमित्र न्यूज़🖋️
धनबाद:कहते हैं की मन सच्ची लगन एवं कुछ करने का जज्बा हो तो मुश्किल से मुश्किल रह भी आसान हो जाती है तमाम झंझावटो का सामना करते हुए भारतीय मजदूर संघ ने आज श्रमिक संगठनों के क्षेत्र में शून्य से शिखर तक का जो सफर तय किया है यह संघ के एक-एक समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ताओं का निस्वार्थ भाव से कार्य करने का फल है। भारतीय मजदूर संघ से संबंध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सह कोल इंडिया सुरक्षा बोर्ड के सदस्य रामधारी ने बताया कि 23 जुलाई 1955 को प्रसिद्ध श्रमिक नेता भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी के नेतृत्व में संघ की स्थापना भोपाल में की गई थी। कोयला, इस्पात, बैंक, बीमा, रेल, आदि क्षेत्रों में पहले अन्य संगठनों की तूती बोलती थी ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने बिना किसी प्रवाह के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, वर्ष 1989 का समय भारतीय मजदूर संघ के लिए अविस्मरणीय रहा वर्ष 1955 से वर्ष 1989 तक 34 वर्षों में ही सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों को पीछे छोड़ते हुए अपने काम के बल पर पहली बार देश का नंबर एक श्रमिक संगठन बन गया राजनीतिक पार्टी में जुड़े ना रहने के बावजूद हमेशा स्वदेशी विचारधारा को अपनाया साथी ही राष्ट्र,उद्योग और मजदूर हित की सर्वोपरि मानकर जो अपना सफर शुरू किया फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और शून्य से शिखर तक पहुंच गया अपने देश में श्रमिक संगठनों का इतिहास लगभग सैकड़ो वर्ष पुराना है एटक देश का सबसे पुराना श्रमिक संगठन है 31 अक्टूबर 1920 को गठन हुआ इसके बाद 3 मई 1947 इंटक 29 दिसंबर 1948 एच.एम.एस. तथा 30 अप्रैल 1949 को यू.टी.यू.सी.का गठन हुआ इन सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के कई वर्षों बाद प्रभाव में आए भारतीय मजदूर संघ अपने स्पष्ट नीति के कारण शून्य से शिखर तक पहुंचा है 2007 में भी केंद्रीय संगठनों को दूबारा सदस्य सत्यापन में भी प्रथम स्थान दर्ज की है सदस्यता सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मजदूर संघ 62, 15,797 सदस्यों के साथ प्रथम स्थान पर इंटक 39, 54,012 सदस्य के साथ द्वितीय स्थान पर एटक 34,42,249 के साथ तृतीय एच.एम.एस. 33, 38,491 के साथ चतुर्थ, और सीटू 26,78,473 सदस्य के साथ पांचवें स्थान पर है। हलांकि तृतीय बार भी सदस्यता सत्यापन हुई है लेकिन अभी तक भारत सरकार के द्वारा आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।विश्व स्तर पर जी-20 में भारत देश की अध्यक्षता करने को मौका मिला था वही सबसे बड़ी श्रम संगठन होने के नाते पिछले वर्ष एल 20(लेवर-20)जहां 20 देश की श्रमिक संगठनों में भारतीय मजदूर संघ को विश्व स्तर पर अध्यक्षता करने को मौका मिला।1989 की सदस्य सत्यापन के आधार पर 1994 में भारतीय मजदूर संघ को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन में प्रतिनिधित्व करने को मौका मिला जो आज भी कायम है।

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