
नम आंखों से दी उत्तराखंड के लाल ,शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट को अंतिम विदाई, बेटियों ने दी मुखाग्नि
देहरादून, संवाददाता।
कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी से 7 अगस्त को घायल हुए देहारदून निवासी हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट की 16 अगस्त को जम्मू के सैनिक अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गयी थी। आज उनका अंतिम संस्कार पूरे राज्कीय एवम् सैन्य सम्मान के साथ हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर किया गया। इससे पूर्व देहरादून से सेलाकुई स्थित घर से शहीद की अंतिम यात्रा निकल गई है। खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर वीर शहीद को मुखाग्नि उनके छोटे भाई भुपेन्द्र के साथ शहीद की दोनों बेटियों ने सामुहिक रूप से दी। खड़खड़ी श्मशान घाट पर शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर कई राजनैतिक पार्टी के सदस्यों, गैर राजनैतिक संगठनों के सदस्यों के साथ साथ भारी संख्या में आम लोग भी शहीद को श्रृद्धाजंलि देने पहुंचे।
रक्षाबंधन के दिन 7 अगस्त को सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट सिर में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तब से उनका ईलाज जम्मू के सैनिक अस्पताल में चल रहा था। वुधवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। और शाम को उनका शव लेकर सेना के जवान उनके पैतृक निवास सेलाकुई पहुंचे। गुरुवार सुबह शहीद की अंतिम यात्रा सेना के बैंड की मातमी धुन पर घर से निकली। शहीद की अंतिम यात्रा से पूर्व शहीद के घर पहुंचकर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पितकर श्रृद्धाजंलि दी। उनकी अंतिम यात्रा में शहीद नरेंद्र सिंह अमर रहे के नारे लगाए साथ ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगाए। अंतिम यात्रा के बाद उनका पार्थिव अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर पहुंचा। वहां सेना के जवानों ने शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ गार्ड ऑफ आनर दिया। जिसके बाद शहीद नरेन्द्र सिंह बिष्ट को छोटे भाई भूपेन्द्र के साथ शहीद की दोनों बेटियों ने शहीद को मुखाग्नि दी। शहीद को मुखाग्नि देने के बाद उनकी बेटी ने कहा मेरे पापा ने देश लिए अपनी जान कुर्बान की सरकार को पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वो सामने आकर युद्ध करे।
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