
विनाश की किमत पर विकास का नजारा है
विजय कुमार शर्मा पश्चिमी चंपारण बिहार
सिकरहना नदी के धनही तट का।सुगौली चीनी मील द्वारा छोडे गये रसायन युक्त गंदे पानी से खेत,मवेशी,और मानव का ये कैसा विकास।नदी का निर्मल जल प्रदुषित कर के, चीनी मील से सटे उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के सरेहो मे मनमाने तरीके से बेखौफ पानी छोडा जाना,जिससे फसल सहित खेत बंजर होते जा रहें हैं,लोग कई त्वचा संबंधी रोगो से संक्रमित हो रहें हैं।बदबू से सांस संबंधी रोग संक्रमण का रूप लेता जा रहा है।ऐसा कर के चीनी मील कैसा विकास कर रहा है।किसानों के आर्थिक विकास की बात करें तो अभी हाल ही मे मील द्वारा घटतौली कर प्रतिदिन हजारों क्विंटल गन्ना के वजन का घालमेल कर किसानों के लाखों रूपये की हेराफेरी कर किसानों का आर्थिक दोहन विकास तो नही कहा जा सकता।कौन बोलेगा,कौन पूछेगा,शासन प्रशासन के नाक के नीचे हो रही इस विनाश लीला वैसी ही प्रतीत हो रही है जैसे नक्कारखाने मे तूती की आवाज का खो जाना है।।
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