
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
विजय कुमार शर्मा
मशहूर शायर इकबाल की ये पंक्तियाँ उभरती गायिका सुमन बिहारी पर सटीक बैठती है। यदि इन्सान कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से किसी काम को करता है तो एक दिन मंजिल उसके कदम चूमती है। उसे समाज में मान-सम्मान और ख्याति तो मिलती ही है, साथ ही वह लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन जाता हैं। ऐसी ही प्रतिभाओ में एक नाम सामने उभरकर आता है थरूहट जैसे पिछड़े इलाके की गायिका सुमन बिहारी का जिसने स्टेज शो से लेकर फिल्मों में पार्श्व गायन तक का सफर कर एक नया मुकाम हासिल किया है। एक साधारण परिवार में जन्मी सुमन के पिता अरविंद कुमार ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत हैं। जबकि माता भागीरथी देवी एक गृहिणी है। वह फिलवक्त मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रही है। बतौर सिंगर मशहूर इस उभरती गायिका सुमन बिहारी का नाम संगीत प्रेमियों के लिए किसी खास परिचय का मोहताज नहीं है। क्योकि वह महज स्टेज शो की गायिका ही नहीं बल्कि फिल्मों में बतौर गायिका अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर अपने थरूहट क्षेत्र का नाम रौशन कर रही है।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी, ख़ूबसूरत सिंगर सुमन जो देखने में जितनी ख़ूबसूरत है उससे कही ज़्यादा प्रतिभाशाली है। मीठी और जादुई आवाज़ का लोहा उसने बचपन से ही मनवा लिया था। गौरतलब बात यह है कि सुमन ने गैर सिंगिंग बैकग्राउंड वाले परिवार से होने के बावजूद अपनी सच्ची लगन और मेहनत से सिंगिंग में अपनी खासी पहचान भी बनाई है। और यह साबित कर दिया कि हम किसी से कम नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी अधिकांश महिलाएं चूल्हा चौका तक सीमित है। वहां पढाई के साथ साथ गायिकी में एक नया मुकाम हासिल करना एक बड़ी चुनौती थी। सुमन ने बताया कि सर्व प्रथम वाल्मीकि नगर में आयोजित होने वाले महा आरती के स्टेज पर चर्चित कलाकार डी आनंद के सानिध्य में गाने का मौका मिला। तथा उनके निर्देशन में पहले एल्बम बोल बम बोल ऽ में गाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसके बाद थारू कला संस्कृति कला मंच के सचिव होमलाल प्रसाद जी के प्रयास से भोजपुरी फीचर फिल्म पिया के पुजारिन में गाना गाने का मौका मिला। इस क्रम मे पूर्व कला संस्कृति मंत्री एवं वर्तमान लौरिया विधायक विनय बिहारी जी से मुलाकात हुई। उन्होंने सुमन को आशीर्वाद देते हुए कहा कि तुम अपने कला के बदौलत एक दिन देश का नाम रौशन करोगी। उसके बाद श्री बिहारी के आशीर्वाद से फीचर फिल्म ' लोहा सिंह सरकार', एवं नेपाली फीचर फिल्म' तेवर' में गाने का मौका मिला। उसके बाद सुमन ने कभी मुड़ कर नहीं देखा। स्टेज सिंगिंग के साथ साथ अब सुमन का फिल्मो में प्लेबैक सिंगिंग कर नये कीर्तिमान बनाने में जुटी है। वह अपना आदर्श लता मंगेशकर को मानतीं है।
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